1.कई लोग पूजा के दौरान या लेटते समय अपने पैर भगवान की ओर रख लेते हैं। मगर शास्त्रों के अनुसार ये बहुत गलत है। ऐसा करने से भगवान नाराज हो जाते है। इससे व्यक्ति की कुंडली में दोष लग सकते हैं।
2.ऋग्वेद के अनुसार कभी भी ब्राह्मणों एवं विष्णु भगवान की ओर पैर करके नहीं बैठना चाहिए। क्योंकि की ब्राम्हृण की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मुख से हुई है। उनकी ओर पैर फैलाने का मतलब उनका अपमान करना होता है। ऐसा करने पर निर्धनता आ सकती है।
3.पुराणों में गौ माता को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में उनकी ओर पैर करके बैठने से घर में दरिद्रता आती है। इससे व्यक्ति को समाज में अपमानित भी होना पड़ता है। 4.कभी भी अग्नि की ओर पैर नहीं रखना चाहिए। क्योंकि अग्नि देव को शुद्धता एवं तेज का प्रतीक माना जाता है। उनकी ओर पैर रखने से सूर्य ग्रह का अपमान होता है। इससे व्यक्ति को प्रतिष्ठा नहीं मिल पाती है। उसके कार्यक्षेत्र में भी तनाव का महौल रहता है।
5.हिंदू धर्म में गुरू को बहुत अहम दर्जा दिया गया है। ऐसे में शिक्षकों की ओर पैर फैलाकर बैठना अशुभ संकेत माना जाता है। ऐसे लोग जीवन में कभी उन्नति नहीं कर पाते हैं।
6.पुराणों के अनुसार कभी उगते सूर्य की ओर भी पैर नहीं दिखाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का सूर्य ग्रह कमजोर होता है। जिससे व्यक्ति को मेहनत का फल नहीं मिलता है। साथ ही समाज में अपमान झेलना पड़ता है।
8.वेदों के अनुसार ब्राम्हण बालक को भी विशेष दर्जा दिया गया है। ऐसे में उनकी ओर पैर रखकर बैठने से मां सरस्वती नाराज हो जाती है। जिससे व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वो सही-गलत का निर्णय नहीं ले पाता है।
9.बहुत से लोगों को चांदनी रात में बैठना बहुत पसंद होता है। मगर कई बार वो चंद्रमा के उदय की दिशा में पैर फैला लेते हैं। मगर वास्तुशास्त्र के अनुसार ये बिल्कुल गलत है। ऐसा करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर होता है। जिससे व्यक्ति तनावग्रस्त रहने लगता हैं
10.कभी भी निर्धन की ओर पैर फैलाकर न लेटें व बैठे। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ठ हो सकती हैं। क्योंकि इसे जरूरतमंदों का अपमान माना जाता है। ऐसे लोगों से उनकी किस्मत भी रूठ जाती है। उनका कोई काम नहीं बनता है।