– स्थानीय लोगों के अनुसार उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के देहात इलाके में एक ऐसी जगह भी है, जिसके अंदर घुसने से पर्यटकों का कलेजा कांप जाता है। बताया जाता है कि इस जगह पर सर्र-सर्र की आवाज आती रहती है। साथ ही यहां रात में काला पर्दा सा छा जाता है। यहां आसपास कई पुराने हैं, जो पता नहीं किसने बनाए हैं। कोई अकेला व्यक्ति तो जाना दूर यहां आए लोग भी ऐसे इलाके में नहीं जाते हैं।
– उत्तर प्रदेश के ही एक जिले मेरठ में बेहद जगह है जिसे ‘भूत बंगले’ का नाम से जाना जाता है। इस जगह को दुनिया भर में सबसे ज्यादा डरावनी जगहों में शुमार किया गया है।
– राजस्थान के अलवर में स्थित भानगढ़ किले को शायद ही कोई न जानता हो। ये भारत का टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस है। यहां लोग अकेले जाने से बेहद डरते हैं। सरकार ने भी पर्यटकों को यहां अंधेरा होने से पहले चले जाने की चेतावनी जारी कर रखी है।
– राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा गांव में 170 सालों से शांति पसरी हुई है। यहां के हजारों लोग अपने गांव की एक लड़की को अय्याश दीवान सालम सिंह से बचाने के लिए एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे और जाते-जाते श्राप दे गए थे कि यहां फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गांव वीरान पड़ा हैं। कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं।
– गोवा में स्थित किंग्स चर्च को भी भूतिया जगह का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि यहां तीन पुर्तगाली राजाओं की आत्मा भटकती है और कई बार चर्च में आए लोगों को इनकी मौजूदगी का एहसास भी होता है।
– दिल्ली के महरौली में स्थित जमाली-कमाली का निर्माण 1528-29 में किया गया था। इस जगह के बारे में लोगों का विश्वास है कि यहां जिन्न रहते हैं। कई लोगों को इस जगह पर डरावने अनुभव हुए हैं।
– राजधानी दिल्ली के दिल यानि कनाट प्लेस से थोड़ी दूरी पर स्थित अग्रसेन की बावड़ी है। कहा जाता है कि यहां भी जाकर लोगों को डर लगता है कयोंकि यहां किसी भूत का साया है।
– पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले में स्तिथ कुर्शियांग एक हिल स्टेशन है। कुर्शियांग से लगती डाउ हिल से एक मिस्ट्री जुडी हुई है जो की इसे भारत के टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस की लिस्ट में शामिल कराती है। डाउ हिल के जंगलों में बड़ी संख्या में आत्म हत्याएं हुई है। इस जंगल में इधर-उधर इंसानों की हड्डियां दिखाई दे जाना आम बात है।
– बड़ोंग सुरंग हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इसका निर्माण एक अंग्रेंजी इंजीनियर बड़ोग ने करवाया था। इसलिए इसे बड़ोग सुरंग भी कहते है। बड़ोग सुरंग के साथ एक दर्द भरी कहानी जुड़ी है। कहते हैं कि इस सुरंग को बनाने वाले अंग्रेज इंचार्ज बड़ोग ने एक बड़ी भूल यह कर दी कि एक ही बार में दोनों ओर से सुरंग बनाने का कार्य शुरू कर दिया। अंदाजे की भूल से सुरंग के दोनों छोर मिल नहीं पाए जिसके कारण उन पर एक रुपए जुर्माना किया गया। कहते हैं कि अपनी इस चूक से वह इतने अधिक दुखी हुए कि उन्होंने एक दिन अपने कुत्ते के साथ सैर पर जाते हुए स्वयं को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। कहते है की आज भी इसमें उस अंग्रेज इंजीनियर की रूह भटकती है।
-पुणे में स्थित शनावारवाड़ा किले में आज भी लोगों को आज भी किसी की कराहने की आवाजें सुनाई देती हैं।