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परिक्रमा के समय करते हैं ये 10 गलतियां तो नहीं मिलेगा फल, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

Published: May 31, 2019 02:45:34 pm

Submitted by:

Soma Roy

परिक्रमा करने को हिंदू धर्म में प्रदक्षिणा भी कहा जाता है
मंदिर के चक्कर लगाते समय उसकी गिनती का ध्यान रखना बेहद जरूरी है

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परिक्रमा के समय करते हैं ये 10 गलतियां तो नहीं मिलेगा फल, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में परिक्रमा करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति के साथ मुसीबतों से भी छुटकारा मिलता है। मगर कई बार हम जानें-अनजानें इस दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके चलते हमें शुभ फल नहीं मिलते हैं। तो कौन-सी हैं वो चीजें जो हमें परिक्रमा के समय करने से बचना चाहिए, आइए जानते हैं।
1.परिक्रमा करते समय उसकी संख्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं के अनुसार उनकी परिक्रमा की गिनती भी भिन्न होती है। जैसे-सूर्य देव की सात, श्रीगणेश की चार, भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार, देवी दुर्गा की एक, हनुमानजी की तीन, शिवजी की आधी परिक्रमा करनी चाहिए।
2.परिक्रमा करने को प्रदक्षिणा के नाम से भी जाना जाता है। पंडित व्यास शुक्ला के अनुसार परिक्रमा करते समय इसकी गिनती गलत होने पर पूजा का फल बेकार हो जाता है। इससे व्यक्ति के कोई काम नहीं बन पाते हैं।
3.कई लोग अनजाने में शिव मंदिर जाकर पूरी परिक्रमा या सात चक्कर लगाते हैं। मगर शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना गलत है। क्योंकि मान्यता है कि जो जल हम शिवलिंग पर चढ़ाते हैं वो नीचे गिरता है और उसकी धारा बहने लगती है। ऐसे में पूरी प्रदक्षिणा करने पर हम उस जल को लांघ जाएंगे। जिससे भोलेनाथ का अपमान होगा।
4.परिक्रमा करते समय कभी भी इसकी शुरुआत बाएं से न करें। ये हमेशा दाहिने ओर से करें। क्योंकि बाईं तरफ से शुरू की गई प्रदक्षिणा उल्टी मानी जाती है। इसे शास्त्रों में अशुभ माना गया है।
5.परिक्रमा करते समय ध्यान दें कि आपको मंदिर के चक्कर लगाने हैं या उसी जगह खड़े होकर घूमने हैं। पंडित व्यास शुक्ला के अनुसार कई भगवानों की परिक्रमा महज उनके सामने ही होती है। ऐसे में अगर इस नियम को तोड़ा जाए पूजा का नकारात्मक प्रभाव मिलेगा।
6.परिक्रमा करते समय कभी भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ये नकारात्मकता का प्रतीक होता है, जबकि प्रदक्षिणा से सकारात्मकता मिलती है।

8.भगवानों की परिक्रमा करते समय मंत्रोच्चारण का भी विशेष महत्व है। इसलिए लोग चक्कर लगाते समय मंत्र का भी जप करते हैं, मगर अक्सर लोग मंत्रों को उच्चारण ठीक से नहीं कर पाते हैं। इससे उन्हें पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। ऐसे में मंत्र को पढ़ने पर उससे उच्चारण पर खास ध्यान दें।
9.मंदिर में परिक्रमा करते समय कभी खाली हाथ परिक्रमा न करें। पंडित व्यास के अनुसार मंदिर के चक्कर लगाते समय हाथ में सिक्का या चावल रखना अच्छा होता है। क्योंकि इसे प्रदक्षिणा के बाद आप अपनी तिजोरी में रख लें। इससे धन की वृद्धि में मदद मिलेगी।
10.परिक्रमा करते समय कभी भी द्वेष भावना न रखें। इससे आपको अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। इससे आपके कार्यों में अड़चनें भी आ सकती हैं।

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