1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में किसी प्राकर का दोष होता है, उन्हें समाज में मान-सम्मान नहीं मिल पाता है। ऐसे लोग घर में भी ज्यादा अहमियत नहीं पाते हैं। इन समस्याओं को दूर करने का सबसे बेहतर तरीका इत्र का प्रयोग करना है।
2.इत्र को शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ाने में बहुत प्रभावशाली समझा जाता है। शुक्र ग्रह के अच्छे होने से व्यक्ति का आकर्षण बढ़ता है। जिसके चलते लोग उसके प्रति खिंचने लगते हैं। ऐसे लोग ज्यादा सुंदर न होने के बावजूद भी अपनी एक छवि बनाने में सक्षम होते हैं।
3.ज्योतिष विद्या के अनुसार हर दिन के अनुसार अलग-अलग फूलों का बना इत्र लगाने से शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इससे व्यक्ति् को प्रतिष्ठा के साथ कार्यक्षेत्र में भी अपार सफलता मिलती है।
4.सोमवार को चंद्रमा का कारक माना जाता है। इस दिन सफेद फूलों, खासतौर पर चंपा, चमेली और बेला के पुष्पों से बना इत्र लगाना चाहिए। ये व्यक्ति को प्रसन्न रखने में मदद करता है।
5.मंगल ग्रह के प्रभाव के चलते मंगलवार के दिन व्यक्ति को लाल चंदन एवं लाल गुलाब से बनें इत्र का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे व्यक्ति दूसरों पर अपना प्रभावशाली असर डालने में सक्षम होता है।
6.बुध ग्रह के चलते बुधवार को चंपा एवं ग्रीन लेमन का इत्र प्रयोग करना चाहिए। इससे मन एवं मस्तिष्क शांत होता है और दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 7.गुरुवार को बृहस्पति देव का दिन माना जाता है। इस दिन केवड़ा, केसर एवं पीले चंदन का बना इत्र प्रयोग करना चाहिए। इससे कार्यक्षेत्र एवं परिवार में अहमियत मिलती है।