1.यूं तो पृथ्वी के सबसे पास एम-87 नामक ब्लैकहोल है। इसके अलावा 24 साल पहले एक ब्लैकहोल के बारे में पता चला था जिसका नाम है सैजिटैरस ए स्टार है। 2.ये ब्लैकहोल सूर्य से 60 लाख गुना ज्यादा वजनी है। वैज्ञानिकों ने इसमें सूर्य के आकार के बड़े तारे को इसमें टूट कर समाते देखा है।
3.रिसर्च के मुताबिक ऐसी घटना दस हजार से एक लाख वर्षों में बीच में होती है। नासा के मुताबिक अब तक केवल 40 बार ही ऐसी घटना देखी गई हैं। 4.वैज्ञानिकों के अनुसार सैजिटैरस ए स्टार ब्लैकहोल इतना विशाल है कि ये आकाशगंगा में मौजूद चीजों को अपनी ओर खींचता जा रहा है। इससे आस-पास के ग्रहों को खतरा हो गया है।
5.इस ब्लैकहोल पर अलग-अलग देशों के करी 347 वैज्ञानिकों की एक टीम काम कर रही है। 6.वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ब्लैकहोल पहले शांत हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें अचानक हलचल बढ़ गई है। ये तेजी से अपने अंदर चीजों को समाहित कर रहा है।
7.ब्लैकहोल में हुई इस हलचल की तस्वीरें वैज्ञानिकों ने साल 2019 में जारी की थी। वे अगले साल यानि 2020 में भी इसकी तस्वीरें जारी करेंगे। 9.रिसर्च में पाया गया कि ब्लैकहोल में ज्वारीय विघटन हुआ था। जो कि काफी विरल था।
10.वैज्ञानिकों ने इस खगोलीय घटना को नासा के उपग्रह ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) और नील गेहरेल्स स्विफ्ट की मदद से देखा था।