Retirement age increase : रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाए जाने से नहीं निकलेंगी नई वैकेंसीज
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति की ओर से इस मामले पर तैयार किया गया है सर्वेक्षण
रिटायरमेंट ऐज बढ़ी तो होंगे ये 10 नुकसान, यूथ को लगेगा सबसे ज्यादा झटका
नई दिल्ली। शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट 2019 से युवा पहले से ही निराश है। ऐसे में निर्मला की एक और सिफारिश से उन्हें तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री ने संसद में देश की आर्थिक स्थिति बताने वाला सर्वेक्षण पेश किया था, जिसमें रिटायरमेंट ऐज बढ़ाए जाने का भी जिक्र किया गया। इस सुझाव ने बेरोजगारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
1.मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम की ओर से तैयार किए गए इस सर्वेक्षण में केंद्रीय सरकारी कम्रचारियों के रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से अधिक करने का सुझाव दिया गया है। मगर सरकार की ओर से इस दिशा में कदम उठाए जाने से सबसे ज्यादा नुकसान युवाओं को होगा। इससे करीब एक तिहाई लोगों को नुकसान होगा।
2.सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक देश में 19 साल के आयु वर्ग की जनसंख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। जिसमें करीब 9.7 मिलियन लोग कामकाजी जनसंख्या में शामिल है। ऐसे में रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाए जाने से सबसे ज्यादा नुकसान बेरोजगार युवाओं को होगा।
3.रिटायरमेंट ऐज बढ़ाए जाने से नई नौकरियां निकाले जाने की गति धीमी हो जाएगी। इससे बेरोजगारों की संख्या में इजाफा होगा। वर्तमान में पिछले दो सालों में इन आंकड़ों में करीब 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
4.रिटायरमेंट ऐज के बढ़ाए जाने से सिस्टम अपग्रेड नहीं हो पाएगा। क्योंकि देश में ज्यादा जनसंख्या युवाओं की है और आंकड़ों के मुताबिक 25 से 30 साल तक के लोग दूसरों के मुकाबले ज्यादा तेजी से काम करते हैं। मगर युवाओं को नए रोजगार न मिलने से सकरारी कामकाज का रवैया पहले जैसा ही रहेगा।
5.एक्सपर्ट्स के मुताबिक रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाए जाने से देश के विकास की गति धीमी होगी। क्योंकि दुनिया में जहां तरक्की के नए विकल्प खोजे जा रहे हैं, वहीं भारत में कर्मचारियों की आयु सीमा बढ़ाए जाने से युवाओं को मौका नहीं मिल पाएगा। ऐसे में देश को विकास के रास्ते पर ले जाने वाले नए आइडियाज नहीं आएंगे।
6.पुरी दुनिया आजकल हाइटेक हो गई है। हर रोज नई टेक्नोलॉजी आ रही है। ऐसे में पुराने लोगों से ही काम कराते रहने से काम की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। क्योंकि पहले से कार्य कर रहे ज्यादातर लोग आज भी नई तकनीक का अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
7.रिटायरमेंट ऐज बढ़ाए जाने से सरकार पर भी बोझ बढ़ेगा। क्योंकि पहले से काम कर रहे लोगों की सैलरी इंक्रीमेंट के साथ हर साल ज्यादा हो जाती है। ऐसे में उनकी आयु सीमा बढ़ाने से सरकार को उन्हें ज्यादा तनख्वाह देनी पड़ेगी। जबकि नई भर्ती करने से वे कम सैलरी पर लोगों को रख सकते हैं।
9.सरकार पर आर्थिक बोझ इससलिए भी बढ़ेगा क्योंकि पुराने लोगों के रिटायर होने के बाद उन्हें पेंशन देनी पड़ती है। चूंकि आजकल पे—कमिशन में बढ़ोत्त्तरी हुई है ऐसे में कर्मचारियों को पेंशन भी ज्यादा देनी पड़ेगी। वहीं नई भर्तियां करने पर पेंशन नहीं देना पड़ेगा।
10.रिटायरमेंट की ऐज बढ़ाए जाने से युवाओं के सुसाइड करने के ग्राफ में भी इजाफा हो सकता है। क्योंकि डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार अलग—अलग देशों में करीब 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या करते हैं। इनमें 15 से 29 साल के लोग सबसे ज्यादा हैं। ऐसे में नौकरी न मिलने से परेशान होकर युवा पीढ़ी गलत कदम उठा सकते हैं।