2.सैनेटाइजर से बार-बार हाथ धोने से त्वचा में मौजूद प्राकृतिक आॅयल खत्म हो जाता है। त्वचा सूखने लगती है, इसमें खुजली होने लगती है। कई बार इससे खून भी निकलने लगता है। 3.सैनेटाइजर में मौजूद केमिकल्स की वजह से इनकी गंध तेज होती है। इसे सूंघने पर शरीर में विषैले तत्व प्रवेश कर जाते हैं। ये बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता क्योंकि उनकी स्किन सेंसेटिव होती है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। सैनेटाइजर के इस्तेमाल से बच्चों को गंभीर बीमारी होने एवं जान जाने का खतरा हो सकता है।
4.सैनेटाइजर में ट्राईक्लोसैन नामक केमिकल पाया जाता है जो हार्मोनल फंक्शन में दिक्कत पैदा करता है। एक रिसर्च के मुताबिक ये केमिकल शरीर को कमजोर बनाता है। इससे शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं। हार्मोनल दिक्कत से गर्भ धारण में भी समस्या आती है। कई बार ये बांझपन की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है।
5.सैनेटाइजर से ज्यादा हाथ धोने पर इसमें मौजूद केमिकल से इम्यून पॉवर भी कम होती है। ये रोगों से लड़ने की क्षमता खत्म कर देता है। इससे व्यक्ति को धूल, धूप आदि से एलर्जी हो जाती है। इसके अलावा अन्य गंभीर रोग हो सकते हैं।
6.ये शरीर में मौजूद एंटीबॉयोटिक को भी खत्म कर देता है। जिसके चलते बॉडी रोगों से लड़ नही पाती। शरीर जल्दी थक जाता है, बीमारियां जल्द पकड़ लेती है। व्यक्ति को अक्सर सिर दर्द, चक्कर आदि की समस्या रहती है।
7.सैनेटाइजर इस्तेमाल करने से इसमें मौजूद घातक तत्व न सिर्फ हाथ में बल्कि ये पूरे शरीर में पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से एलर्जी होने लगती है। व्यक्ति के धूप में निकलने या पानी के ज्यादा इस्तेमाल से स्किन सिकुड़ने लगती है। उसमें इरिटेशन होती है। इससे प्रभावित जगह पर सनबर्न भी हो सकता है।
8.सैनेटाइजर से हाथ धोना आपको बुढ़ापे का भी शिकार बना सकती है। इसमें मौजूद ट्राईक्लोसैन नामक केमिकल त्वचा को रूखा बना देता है। ये हाथों के अलावा शरीर की पूरी त्वचा को प्रभावित करता है। इससे चेहरे पर भी झुर्रियां पड़ने लगती है। व्यक्ति उम्र से पहले ही बूढ़ा दिखने लगता है।
9.सैनिटाइजर में मौजूद केमिकल हाथ की त्वचा में तुरंत मिल जाता है। ये स्किन के जरिए रक्त संचार में पहुंच जाता है। इससे मांसपेशी को सहयोग करने वाली सेल्स की कम्यूनिकेशन पावर बाधित हो जाती है।
10.बच्चों के लिए हैंड सैनिटाइजर बहुत ही घातक है। इसमें पाया जाने वाला अल्कोहल शरीर में मिलकर बच्चों के विकास में बाधा डालता है। इससे उन्हें भूख न लगने और उलटी की समस्या हो सकती है।