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डॉक्टर नहीं अब घोड़े करेंगे आपका इलाज, डिप्रेशन समेत इन 10 बीमारियों में होगा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Aug 12, 2019 02:08:43 pm

Submitted by:

Soma Roy

Equine Therapy : इक्वाइन थेरेपी के जरिए मानसिक रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है
यह थेरेपी महाराष्ट्र के वाडगांव में कराया जा सकता है

Equine Therapy
नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़-भरी जिंदगी में अक्सर लोग तनाव, अनिद्रा और कई तरह की मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए वे डॉक्टर के पास जाते हैं। मगर इनसे छुटकारा पाने के लिए अब एक नई तकनीक आ गई है। इसके तहत घोड़े आपका इलाज करेंगे। इसे इक्वाइन थेरेपी नाम दिया गया है। तो क्या है थेरेपी आइए जानते हैं।
1.इक्वाइन थेरेपी एक ऐसी पद्धति है जिसके तहत कई तरह के मानसिक रोगों को इलाज किया जाता है। इसमें मरीज को पालतू जानवर खासतौर पर घोड़ों के साथ रहना होता है और उनकी सेवा करनी होती है।
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2.डॉक्टरों के मुताबिक इक्वाइन थेरेपी के तहत घोड़ों को खाना खिलाने से लेकर उनके रख-रखाव से व्यक्ति की मानसिकता में बदलाव आता है। इससे दूसरी परेशानियां दूर होती हैं।
3.मनोवैज्ञानिकों के अनुसार रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग कुत्ते या बिल्ली जैसे किसी भी पालतु जानवर के साथ रहते हैं, वे दूसरों से ज्यादा रिलैक्स रहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इक्वाइन थेरेपी की खोज की गई है।
4.भारत में इस थेरेपी के लिए एक वर्कशॉप होती है। ये थेरेपी अभी महाराष्ट्र के वाडगांव में फजलानी नेचर्स नेस्ट की ओर से आयोजित किया जाता है।

5.इस कैम्प में जानवरों के साथ मरीज की नजदीकी कायम करने और उनकी मानसिकता को समझने पर जोर दिया जाता है।
horse assisted therapy
6.रिसर्च में पाया गया कि इंसान के व्यवहार को परखने और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने में घोड़े सबसे ज्यादा मददगार होते हैं। इसलिए इक्वाइन थेरेपी में उन्हें शामिल किया गया है।

7.डॉक्टरों के मुताबिक इक्वाइन थेरेपी से अनिद्रा, भूख न लगना, तनाव, आटिस्म और दिमागी परेशानी जैसी बीमारियों में लाभ होता है।
8.बताया जाता है कि इस थेरेपी से मरीज का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा उसमें आत्मनिर्भरता, निर्णय लेने की क्षमता, जिम्मेदारी उठाने की भावना आदि सकारात्मक गुणों का विकास होता है।

9.इक्वाइन थेरेपी के तहत मरीजों को घोड़ों की देखरेख करने, खाना खिलाने, उनकी भाषा समझने आदि की ट्रेनिंग दी जाती है।
10.नेचर्स कैम्प में आयोजित होने वाले इस थेरेपी में 10 लोगों का एक ग्रुप बनाया जाता है। इसमें उन मरीजों को रखा जाता है जिन्हें मानसिक तौर पर कोई परेशानी हो।

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