नई दिल्ली: हर साल की तरह इस साल भी दीवाली का त्यौहार काफी पास आ गया है। इस साल 27 अक्टूबर के दिन बड़ी दीवाली और 26 अक्टूबर के दिन छोटी दीवाली मनाई जाएगी। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि छोटी दीवाली क्यों मनाई जाती है? आखिर बड़ी दीवाली से पहले मनाने का इसका महत्व क्या है? चलिए आपको इससे जुड़ी हर छोटी से छोटी बात बताते हैं, जो आपके लिए काफी जरूरी हैं।
– छोटी दीवाली यानि नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल ये 26 अक्टूबर के दिन है। – इस दिन की मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन यम और माता महालक्ष्मी की पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर लेता है, उसके मृत्यु के बाद नरक नहीं भोगना पड़ता है। इसलिए लोग ऐसा करते हैं।
– शास्त्रों के अनुसार नरक चतुर्दशी में मानव योनि में उत्पन्न हुए लोगों के लिए काफी उपयोगी है।
– इस दिन सूर्योदय से पहले उठे और तेल लगाएं। स्नान करने के बाद विष्णु मंदरि या फिर कृष्ण भगवान के मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से पाप कटता है और रूप सौदंर्य की प्राप्ति होती है।
– इस दिन यम का दीपक जलाना भी काफी शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। – इस दिन घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीपक जलाता है और उसे पूरे घर में घुमाता है। इसके बाद बाकी लोग घर में ही रहते हैं और बुजुर्ग इस दीपक को कहीं दूर रखकर आता है। इसे ही यम का दीपक कहते हैं।
– मान्यता है कि इस दिन जो लोक स्नान करते हैं उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। – माना जाता है कि छोटी दीवाली की शाम के समय यमराज की पूजा करने से और उसके समक्ष तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है।
– इस साल सुबह स्नान करने का शुभ मुहूर्त प्रात: 4:15 बजे से 5:30 तक का है। साथ ही यम का दीपक जलाने का शुभ मुहुर्त शाम 6 बजे से लेकर 7 बजे तक का है।
– इस दौर में मानव जाने-अनजाने कुछ न कुछ गलत कर देता है। इसलिए जरूरी है कि इस दिन नियमों का पाल करें और इस दिन के महत्व को समझें।