आज है ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल, करें इन 10 में से कोई भी एक उपाय 1.गरुण पुराण के अनुसार पूजन या किसी भी शुभ कार्य को करते समय सिर ढका हुआ हुआ होना चाहिए। क्योंकि इससे मन एकाग्र रहता है। माना जाता है कि जब सिर ढका हुआ होता हैतब हमारा ध्यान इधरउ-धर नहीं जाता है। जिसके चलते पूजा पर पूरा फोकस रहता है। इस नियम का पालन करने से व्यक्ति को भाग्य का साथ भी दोगुना मिलता है।
2.शास्त्रों के अनुसार पूजन के वक्त सिर ढकना भगवान को सम्मान देने का एक प्रतीक है। कहते हैं कि जैसे बड़े-बुजुर्गों के सामने सिर पर पल्ला रखा जाता है। वैसे ही ईश्वर के आदर के लिए भी सिर को ढका जाता है।
3.पंडित हरिओम चतुर्वेदी के अनुसार पूजा करते समय या मंदिर जाते समय सिर ढकने से हम नकारात्मक शक्तियों से बचे रहते हैं। क्योंकि बालों के जरिए नकारात्मकता हमें अपनी ओर खींचती है। जबकि सिर के ढके होने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
4.कहते हैं कि आकाश में हमेशा कई तरह की तरंगे निकलती रहती हैं, जिनमें कुछ खराब भी होती हैं। ऐसे में पूजा के दौरान जब हम ईश्वर का ध्यान करते हैं तो वो तरंगे भी हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऐसे में सिर पर कपड़ा न होने से उसमें मौजूद हानिकारक तत्व सिर से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे व्यक्ति को गुस्सा आने लगता है।
5.सिर ढककर पूजा करने के पीछे एक और वजह है वो है वातावरण को सकारात्मक बनाना। माना जाता है सिर पर पल्ला डालकर बैठने से व्यक्ति की मनासिकता बदल जाती है। तब वो ज्यादा आस्थावान बन जाता है। इससे व्यक्ति के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा से उसके आस-पास का महौल अच्छा बनता है।
गैस्ट्रिक समेत इन 10 तकलीफों से पाना है छुटकारा तो रोजाना खाली पेट खाएं सौंफ 7.शास्त्रों के अनुसार पूजा में काले रंगों का इस्तेमाल वर्जित माना गया है। क्योंकि ये नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं। चूंकि हमारे बाल काले होते हैं, ऐसे में वो भी पूजा के मार्ग में बाधा डालते हैं। इस समस्या से बचने के लिए पूजा करते समय सिर ढका जाता है।
8.पूजा करते समय सिर ढकने के पीछे एक कारण यह भी है कि इससे आपका मन केंद्रित होता है। आप ईश्वर से ज्यादा अच्छे से जुड़ पाते हैं। 9.शास्त्रों के अनुसार सभी व्यक्ति एक समान होते हैं। इसलिए पूजा के दौरान स्त्री और पुरुष दोनों को ही सिर पर कपड़ा रखना चाहिए।
10.सिर ढककर पूजा करने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। बताया जाता है कि सिर ढककर हवन में बैठने से आग की लपटों से आपके शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।