1.कटहल में सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम आयरन, विटामिन ए और सी समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये बच्चे के विकास के साथ गर्भवती स्त्री को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
2.कई बार प्रेगनेंसी के दौरान इंफेक्शन का खतरा रहता है। ऐसे में होने वाले बच्चे का स्वास्थ प्रभावित हो सकता है। अगर आप इससे बचना चाहती है तो कटहल का सेवन करें। क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालती है।
3.गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स में काफी बदलाव होते हैं। जिसके चलते मूड स्विंग होते रहते हैं। हार्मोन्स की गड़बड़ी को रोकने के लिए कटहल का सेवन बहुत लाभकारी होता है। प्रेगनेंट महिला को एक दिन में कम से कम आधा किलो कटहल खाना चाहिए।
4.कटहल में कई पोषक तत्व होते हैं। इसके सेवन से भू्रण का विकास अच्छे से होता है। जिसके चलते बच्चा स्वस्थ पैदा होता है। 5.कटहल में मौजूद विटामिन्स के चलते होने वाले बच्चे की आंखों की रौशनी बहुत तेज होती है। साथ ही उसके बाल भी बहुत अच्छे निकलते हैं।
6.कटहल में ज़िंक, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और बीटा-केरेटिन जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। इसलिए कटहल को उबालकर या भाप में पकाकर खाने से होने वाला बच्चा हेल्दी होता है। साथ ही उसकी इम्यूनिटी भी बेहतर होती है।
7.चूंकि कटहल एक रेशेदार फल है इसलिए इसे खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इससे पेट का संक्रमण भी नहीं होता है। 9.बहुत-सी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान वजन बढ़ने की भी चिंता रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए भी कटहल एक बेहतर स्त्रोत है। चूंकि इसमें सोडियम और सैचुरेटेड फैट नहीं होता है इसलिए ये वजहन को नियंत्रण में रखता है।
10.कटहल एनर्जी का भी बेहतर स्त्रोत है। अगर रोजाना 300 से 500 ग्राम कटहल को भाप में पकाकर या कच्चा खाया जाए तो महिला को काफी ताकत मिलेगी। इससे थकान और कमजोरी भी दूर होगी।