1.रुद्राक्ष को शिव जी के आंसुओं का रूप माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने त्रिपुर नामक असुर के वध के लिए काफी चिंतन किया था। तब उनके नेत्रों से आंसु निकल आए थे, जो कि धरती पर गिरी थी। जिससे रद्राक्ष के पेड़ ने जन्म लिया था।
2.रुद्राक्ष कई आकार और रंगों के होते हैं। इसमें बादामी, लाल, पीला एवं भूरा आदि शामिल है। आजकल बाजार में कई तरह के रुद्राक्ष मिलते हैं। मगर ज्यादातर लोग बिजनेस के लालच में नकली रुद्राक्ष बेच रहे हैं।
3.जानकारों के मुताबिक असली रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के सारे काम बन जाते हैं। यदि व्यक्ति अपनी कुंडली के अनुसार अलग—अलग रंग का रद्राक्ष पहनें तो उन्हें लाभ होगा। 4.सामुन्द्रिक शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदम मुखी तक आते हैं। सामान्य तौर पर मध्यम एवं आंवले के आकार तक के रुद्राक्ष पहनना शुभ माना जाता है।
5.जिन लोगों को नींद न आने की बीमारी हो व डरावने सपने आते हो इससे छुटकारा पाने के लिए रुद्राक्ष धारण करना लाभदायी होता है। हालांकि रुद्राक्ष पहनने के कुछ नियम हैं। चूंकि ये शिव जी का अभिन्न अंग हैं इसलिए इसे रात में पहनकर नहीं सोना चाहिए। सोते समय इसे अपने तकिये के नीचे रखना चाहिए। ऐसा करने से भी उतना ही लाभ होता है जितना धारण करने पर होता है।
6.जिन लोगों को दिल की बीमारी व ब्लड प्रेशर आदि रोग होते हैं उन्हें एक मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इससे उनकी बीमारी नियंत्रण में रहती है। इससे मानसिक शांति का एहसास होता है। 7.जिन लोगों के पास पैसा नहीं टिकता है उन्हें पंच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इसे सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे गंगाजल एवं दूध में डूबोकर धो लें।
8.रुद्राक्ष को हमेशा सुबह के समय स्नान करने के बाद पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके पहनना चाहिए। इसे धारण करते समय आसन पर अवश्य बैठें। रुद्राक्ष का लाभ तभी मिलता है जब ये सोने या चांदी के तार में पिरोकर पहना जाए। यदि डोरी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये लाल रंग की होनी चाहिए।
9.रुद्राक्ष को भोलेनाथ का आशीर्वाद माना जाता है वह सीधे शिवलोक जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से भूत-प्रेत बाधा और नजर दोष से छुटकारा मिलता है। 10.रुद्राक्ष धारण करने से पापों से भी मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि जिन घरों में पूजा के स्थान पर एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहां मां लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है।