1.भारत में मौजूद सभी स्टेशनों में लगे साइन बोर्ड अमूमन पीले रंग के होते हैं। इसका रंग पीला रखने की कई वजह है। जो प्रमुख कारण है वो है पीला रंग ठहरने का संकेत देता है। जिस तरह से रेड लाइट पर सिग्नल के येलो हो जाने पर रुकना होता है। उसी तरह स्टेशन पर लगा पीला बोर्ड रुकने का इशारा करता है।
2.स्टेशन पर लगे बोर्ड के पीले रंग के होने के और भी कई कारण है। उनमें से दूसरी वजह यह है कि पीला रंग ट्रेन की गति को धीमा करने एवं नियंत्रित करने का भी संकेत देती है। क्योंकि जिन ट्रेनों को स्टेशन पर रुकना होता है उन्हें दूर से ही पीला बोर्ड नजर आ जाता है। जिससे वो समझ जाते हैं कि स्टेशन आने वाला है।
पर्स में गोमती चक्र समेत रख लें ये 10 चीजें, बंद होगी पैसों की बर्बादी 3.स्टेशन पर लगे पीले बोर्ड ड्राइवर को सचेत करने का भी काम करते हैं। क्योंकि कई ट्रेनें नॉन स्टॉप होती हैं। ऐसे में वो स्टेशन पर रुकती नहीं है, लेकिन वहां लगे पीले बोर्ड उन्हें चौकन्ना रहने के लिए तैयार रखते हैं। इससे ड्राइवर को पता होता है कि आगे स्टेशन है इसलिए कोई अनहोनी न हो इसलिए ज्यादा ध्यान दें।
4.भारतीय रेलवे स्टेशनों के बोर्ड पीले रंग के होने के कई मनोवैज्ञानिक कारण भी हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पीला रंग लोगों को अपनी ओर खींचता है और ये दूर से ही लोगों को दिख जाता है।
5.पीले रंग को सूर्य के समान प्रभावशाली माना जाता है। ये दिन और रात दोनों समय ही स्पष्ट दिखाई देता है। इसलिए स्टेशनों के नाम पीले रंग के बोर्ड पर लिखे जाते हैं। 6.पीले रंग के ब्रैकग्राउंड पर काला रंग सबसे ज्यादा दिखाई देता है। जिसके चलते स्टेशनों का नाम काली स्याही से लिखा जाता है।
8.मनोविज्ञान के अनुसार पीला रंग खुशी देने वाला होता है और रेल से हर रोज नए-नए यात्री सफर करते हैं। ऐसे में स्टेशन का नाम उन्हें सुकून पहुंचा सकता है। 9.रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड का बैनर पीला होने के पीछे एक अन्य वजह भी है। उसके तहत पीला रंग लोगों को सावधान रहने की ओर इशारा करता है। ये लोगों को आगाह करता है कि आगे स्टेशन है, इसलिए सावधानी से चलिए।
10.रेलवे स्टेशन पर लगे नाम के बोर्ड का रंग पीला इसलिए भी होता है क्योंकि ये रंग मनोवैज्ञानिक तौर पर आंखों को सुकून देता है। जबकि बाकी रंग आंखों की रेटिना पर एडजस्ट होने में समय लगाते हैं।