1.वैष्णव पुराण के अनुसार हिंदू धर्म में तिथियों का विशेष महत्व है। इसलिए इनके नियमों का पालन किया जाना भी बेहद जरूरी है। आजकल के मॉर्डन जमाने में लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं। मगर पुराणों के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि पर तेल मालिश एवं मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
2.कई लोग आरती करते समय दीया जमीन पर रखते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार ये गलत है। इससे धन की हानि हो सकती है। इसलिए आरती के समय दीये को किसी ऊंचे स्थान पर व जमीन पर कपड़ा बिछाकर रखें।
3.दीपक की तरह शिवलिंग, जनेऊ, शंख, सोना एवं देवी-देवताओं की मूर्ति को भी कभी नीचे यहां बिना कपड़ा बिछाएं सिंघासन पर नहीं रखना चाहिए। इससे वास्तु दोष लगता है, जिसके चलते धन हानि एवं दुर्भाग्य आ सकता है।
4.जो लोग स्त्री का अपमान करते हैं या उनसे गलत तरीके से बात करते हैं, उनकी कभी तरक्की नहीं होती है। ऐसे घर में हमेशा कलह होती हैं। यहां मां लक्ष्मी वास नहीं करती हैं।
5.बहुत से लोगों को सूर्यास्त देखना बहुत पसंद होता है, लेकिन पुराणों के मुताबिक व्यक्ति को कभी भी सूर्य और चंद्र को अस्त होते समय नहीं देखना चाहिए। यऐसा करने पर आंखों से संबंधित रोग होने की आशंका रहती है।
6.बहुत से लोग जानें-अनजाने अपने पिता, माता, पुत्र, पुत्री, पतिव्रता पत्नी, श्रेष्ठ पति, गुरु, अनाथ स्त्री, बहन, भाई आदि को गलत शब्द बोल जाते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो जाती है। जिससे धनवान व्यक्ति भी कंगाल बन जाता है।
7.बहुत से लोग कांसे के बर्तन में खाते हैं। मगर उन्हें रविवार के दिन इस बर्तन में नहीं खाना चाहिए। इससे अलावा इस दिन उन्हें मसूर की दाल, अदरक एवं लाल रंग की अन्य चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये सभी सूर्य ग्रह का प्रतीक होती हैं।
8.ज्यादातर लोग कहीं बाहर से आकर सीधे घर में प्रवेश कर जाते हैं व बेड पर बैठ जाते हैं। लोगों के ये आम बात लग सकती है, लेकिन ये एक तरह का दोष है। क्योंकि बाहर से आने पर हमारे पैरों के साथ दूसरी जगहों की गंदगी और धूल-मिट्टी आती है। जो घर में नकारात्मकता लाते हैं। इसलिए घर में प्रवेश करते समय सबसे पहले अपने पैर धुलें।
9.कई लोग अपना सामान व घर बिखरा हुआ रखते हैं। मगर ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। क्योंकि देवी मां केवल उन्हीं जगहों पर वास करती हैं जहां शांति और स्वच्छता हो।