आज हम आपको बता रहे है इन अधिकारों के बारे में।
2. आपका चालान काटते समय ट्रैफिक पुलिस के पास उनकी चालान पुस्तिका या फिर ई-चालान मशीन का भी होना जरूरी है। यदि इन दोनों में से कुछ भी उनके पास नहीं है तो आपका चालान नहीं काटा जा सकता है।
3. यदि ट्रैफिक पुलिस आपको कभी बेकारण भी रोकती है तो आपका फ़र्ज़ है कि बिना किसी वादविवाद किये बिना तुंरत ही रूक जाएँ और अफ़सर द्वारा मांगे गए कागज़ात उन्हें दिखाएँ। हालाँकि ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा ज़रूरी नहीं कि आप उन्हें कोई भी दस्तावेज दिखाएँ।
4.यह भी आप पर निर्भर करता है कि आप कागज़ात अफ़सर को सौपें या फिर नहीं। मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 130 के मुताबिक किसी भी सार्वजानिक जगह पर वर्दी पहने हुए ट्रैफिक अधिकारी के मांगने पर वाहन चालक को कागज़ात दिखाने होंगें। सिर्फ ‘दिखाने’ होंगें न कि ‘सौंपने’होंगे।
5. इस बात का ख्याल रखे कि आप कभी भी पुलिस की अवैध मांगों को पूरा ना करे। यातायात पुलिस को रिश्वत देने का प्रयास ना करें। आप ट्रैफिक पुलिस का बेल्ट नंबर और उसका नाम नोट करें। यदि उन्होंने बेल्ट न पहनी हो, तो उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाने को कहे। यदि वो आपको अपना पहचान पत्र देने से इंकार कर देता है तो आप उसे दस्तावेज देने से मना कर सकते हैं।
6. यदि पुलिस अधिकारी की रैंक सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर है तो आप जुर्माना अदा करके केस खत्म कर सकते हैं।
7. यदि आप लाइसेंस या परमिट के बिना गाड़ी चला रहे हैं, तो पुलिस आपके वाहन को रोक सकती है। यदि वाहन पंजीकृत नहीं है तब भी पुलिस आपके वाहन को रोक सकती है।
8. किसी भी वैध रसीद के बिना पुलिस आपका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त नहीं कर सकती। बाकी लाल बत्ती पार करने पर, शराब पीकर गाड़ी चलाने और ड्राइविंग के वक़्त फ़ोन पर बात करने के लिए पुलिस आपका लाइसेंस जब्त कर सकती है।
9. जब तक आप गाड़ी में बैठे हैं कोई भी यातायात पुलिस आपके वाहन को छू नही सकती। जब तक कि आप अपना वाहन खाली ना कर दें। इसके अलावा अपराधी पाये जाने के दौरान यातायात पुलिस आुपको हिरासत में लेती है तो परीक्षण के लिए 24 घंटे के भीतर आपको मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।
10. यदि यातायात पुलिस आपको परेशान करती है तो आप पूरी घटना का विवरण बताते हुए पुलिस के साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।