1.नीलगिरी विधानसभा से दो बार एमएलए रह चुके बीजेपी सासंद प्रताप चंद्र सारंगी अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। उनका यही अंदाज उन्हें दूसरों से जुदा करता है। हाल ही में बालासोर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वे कल दिल्ली में हुए शपथ समारोह में शामिल होने पहुंचे। यहां के लिए रवाना होते समय वे एक मामूली से झोले में अपना सामान रख रहे थे, तभी ली गई उनकी एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है।
2.प्रताप सारंगी जितने कुशल नेता हैं उतने ही अच्छे वक्ता भी हैं। वो सटीक और साफ तरीके से बात रखने में यकीन करते हैं। उन्हें ओडिया और संस्कृत भाषा पर जबरदस्त कमांड है।
तो इन 10 वजह से रेलवे स्टेशनों पर लगे बोर्ड का रंग होता है पीला 3.सारंगी आरएसएस की विचारधारों पर यकीन रखते हैं। तभी उन्होंने चुनाव में अपनी नीतियों के प्रचार के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बजाय साइकिल का सहारा लिया। वे खुद गांवों में घूमकर लोगों से बातचीत करते थे। बाद में उन्होंने कैम्पेन को बढ़ाने के लिए किराये के आटो का भी सहारा लिया था।
4.प्रताप सारंगी में समाज सेवा का भाव शुरू से ही रहा है। तभी वो एक साधु बनना चाहते थे। इसके लिए वे बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद रामकृष्ण मठ पहुंच गए थे। मगर बाद में बाकी चीजों के बारे में सोचकर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया।
5.64 वर्षीय सारंगी इतने बड़े नेता होने के बावजूद आज भी साइकिल से ही चलते हैं। वह अविवाहित हैं और एक छोटे से घर में सन्यासियों की तरह रहते हैं। उनके इसी अंदाज के लिए उन्हें ओडिशा का मोदी कहते हैं।
6.वे हमेशा दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने आदिवासियों के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए बालासोर और मयूरभंज में कई स्कूल बनवाए हैं। 8.राजनीति में भी सारंगी का सफर काफी दिलचस्प रहा है। साल 2009 में जब वह ओडिशा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे तो बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया था। मगर रोडवेज बस में सफर करने के दौरान उनकी झोले से वो टिकट गिर गया था। ऐसे में उन्होंने पार्टी से दूसरा टिकट मांगने की जगह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही अपना पर्चा भरा था।
9.हैरानी की बात यह है कि एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होने के बावजूद सारंगी चुनाव जीत गए थे। उन्हें ये जीत उनके अच्छे कामों की वजह से मिली थी। 10.इस बार लोकसभा चुनाव में भी उन्हीं का सिक्का चला। उन्होंने बालासोर संसदीय सीट से बीजद प्रत्याशी रबींद्र कुमार जेना को 12,956 वोटों से हराकर अपना दबदबा बरकरारा रखा। कल राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने के लिए खड़े होने के दौरान उनके बेहतर काम के लिए वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।