Sankashti chaturthi puja vidhi : गणेश जी का गंगाजल से अभिषेक करना अच्छा माना जाता है
गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना सही दिशा में करने से पूजन का फल दोगुना मिलता है
नई दिल्ली। कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। सावन मास में पड़ने वाली चतुर्थी का महत्व सबसे ज्यादा होता है। इस बार यह पर्व 20 जुलाई यानि आज मनाया जा रहा है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए अगर ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपायों को अपनाया जाए तो व्यक्ति का भाग्य बलवान हो सकता है। तो कौन-से हैं वो तरीके आइए जानते हैं।
2.संकष्टी चतुर्थी की पूजा करते समय घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति या फोटो में गणेश जी की सूंड बाईं ओर होनी चाहिए। ये उनके मां गौरी के प्रति प्रेम को दर्शाता है।
3.घर में खुशहाली लाने के लिए आप देवी पार्वती की गोद में बैठे गणेश जी की भी पूजा कर सकते हैं। 4.घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि के लिए चांदी के भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करना अच्छा होगा। इन्हें हमेशा घर की उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें।
5.पूजा स्थान पर गणेश जी की मूर्ति इस तरह से रखें कि पूर्व दिशा में उनका मुख हो और पश्चिम दिशा की ओर पीठ। ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है। 6.संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें हरे या पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
7.गणेश जी की कृपा पाने के लिए उन्हें गांठों वाली दूर्बा की माला चढ़ाएं। साथ ही पांच सुपारी और एक पान का पत्ता भी चढ़ाएं। 8.धन की प्राप्ति के लिए गणेश जी को एक जोड़ी जनेऊ, दक्षिणा, मिठाई और उनका प्रिय फल कैथा चढ़ाएं। इससे गणेश जी की आप पर कृपा होगी।
9.संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने और गणेश जी का ध्यान करने से भी भगवान प्रसन्न होते हैं। इससे आपके अटके हुए काम बनने लगेंगे। 10.संकष्टी चतुर्थी के दिन गजानन को 11 या 21 बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं। अब पूजन के बाद प्रसाद खुद ग्रहण करें और दूसरों को बांटें।