1.इमली के बीज में एंटी एजिंग तत्व पाए जाते हैं। इसलिए इसके पाउडर को एलोवेरा जेल में मिलाकर लगाने से ये टोनर का काम करता है। वहीं इसे बेसन में मिलाकर लगाने से ये स्किन को टाइट करने और रंगत निखारने का काम करता है। इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है।
2.इमली के बीजों में फलेवोनोइड्स होते हैं। ये शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं। 3.इमली का बीज खून में जमे अतिरिक्त फैट, जिसे ट्राइग्लिसराइड्स कहते हैं। इसे कम करता है। जिसकी वजह से हमारा दिल भी ठीक तरीके से काम करता है।
4.एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण इमली का बीज गठिया रोग से छुटकारा पाने के लिए भी मददगार है। इसके पाउडर को रोजाना रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से लेने पर आराम मिलेगा। 5.इमली के बीजों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन संबंधी क्रिया में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से कब्ज एवं पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां नहीं होती है।
6.इमली बीज को पानी में खौलकर इसे ठंडा करके गरारा करने पर गले का संक्रमण ठीक होता है। ये सर्दी—खांसी में भी प्रभावशाली है। 7.इमली के बीज निकोटीन या टार्टर की परत को दूर करने में मदद करते हैं। इसके पाउडर को नींबू के रस के साथ दांतों पर लगाने से पीलापन कम होता है।
8.इमली के बीज के अर्क में जाइलोग्लाइकन नामक तत्व होता है। इसका इस्तेमाल कई सौंदर्य प्रसाधनों में होता है। इसके इस्तेमाल से स्किन में पड़े चकत्ते ठीक हो जाते हैं। 9.इमली के बीजों में मौजूद टार्टरिक एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
10.इमली के बीज में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। इसलिए ये गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से होने वाले बच्चे का सही से विकास होता है।