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भारत में हैं ऐसे भी मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि होती है इनकी पूजा

Published: Dec 18, 2018 03:06:08 pm

भारत में विभिन्न प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां पर किसी देवी देवता की नहीं बल्कि मनुष्य के इन रूपों की पूजा होती है।

भारत में हैं ऐसे भी मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि होती है इनकी पूजा

भारत में हैं ऐसे भी मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि होती है इनकी पूजा

नई दिल्ली। जैसे ही आपके जहन में मंदिर का नाम आता है आपके मन में धारणा आती है कि भगवान का मंदिर जहां उन्हे पूजा जाता है। अगर भारत देश की बात करें तो यहां असंख्य मंदिर हैं जिनका इतिहास हज़ारों लाखों साल पुराना है। भारत में विभिन्न प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां पर किसी देवी देवता की नहीं बल्कि मनुष्य के इन रूपों की पूजा होती है। इन मंदिरों में खासतौर पर महाभारत काल के कौरव और पांडवो की पूजा की जाती है।
1.हिमाचल प्रदेश के मनाली में प्राचीन काल की एक राक्षसी हिंडिबा का मंदिर हैं जहां उसकी पूजा होती है और उसे खून चढ़ाया जाता है।

2.वहीं हिमाचल के सोलन में पांडवों में से एक सहदेव का भी मंदिर है। यह बहुत ही चमत्कारी मंदिर है।
3.महाभारत के एक मुख्य किरदार मामा शकुनी का भी एक मंदिर है। यह मंदिर केरल के कोल्लम जिले हैं।

4.इसी मंदिर से कुछ दूरी पर महाभारत के एक अ्न्य किरदार दुर्योधन का भी मंदिर है। दुर्योधन कौरव थे और आज भी यहां के लोग इनकी पूजा में विशेष आस्था रखते हैं।
5.उत्तराखंड में महाभारत के कर्ण का भी एक मंदिर है। कर्ण आज दुनिया में दानवीर कर्ण के नाम से प्रसिद्ध हैं।

6.दक्षिण भारत के कर्नाटक स्थित बेंगलुरू में द्रोपदी का एक मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर लगभग800 साल पुराना है।
7.उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में भीष्म पितामाह का भी एक मंदिर है। इस मंदिर में तीरों की शैय्या पर भीष्म पितामाह की लेटी हुई मुर्ती है।

8.वहीं महाराष्ट्र के नासिक में रामायण के एक बेहद महत्वपूर्ण पात्र जटायू का मंदिर है। इस मंदिर की प्रसिद्धि मोक्ष तीर्थ के नाम से है।
9.कौरवों का मां गांधारी का भी एक मंदिर है जोकि मैसूर में है। यह मंदिर बहुत ही विचित्र है जहां गांधारी की पूजा होती है।

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