हर साल सैकड़ो हिन्दू चार धामों के दर्शन करने के लिए जाते हैं, इन चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी जिसे भगवान विष्णु का स्थल माना जाता है। बता दें कि जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा हुआ एक रहस्य भी है जो सालों से चला आ रहा है और लोग इस रहस्य में यकीन भी करते हैं, दरअसल लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मौजूद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान हैं। आज इस खबर में हम आपको भगवान जगन्नाथ के दर्शन और इस मंदिर की यात्रा से जुड़े हुए कुछ अनजान राज बताने वाले हैं।
बता दें कि कि यहां बहने वाली हवा जमीन से समुद्र की ओर चलती है जबकि असलियत में इसका उल्टा होना चाहिए।
बता दें कि ये मंदिर 214 फुट ऊंचा है ऐसे में आप पास खडे़ होकर भी इसका गुंबद नहीं देख सकते।
बता दें कि इस मंदिर पर सूरज की रौशनी जरूर पड़ती है लेकिन इसकी छाया को आजतक किसी ने नहीं देखा है।
जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी आजतक उड़ता हुआ नहीं देखा गया है।
बता दें कि इस मंदिर के ऊपर से विमानों को भी उड़ने की इजाजत भी नहीं दी गयी है, ऐसा क्यों किया गया है ये कोई भी नहीं जानता।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में चाहे कितने भी श्रद्धालु क्यों ना आ जाएं, यहां पर कभी भी खाना कम नहीं पड़ता है।
जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं। यह प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में लकड़ी पर ही पकाया जाता है। इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है फिर नीचे की तरफ से एक के बाद एक प्रसाद पकता जाता है।
इस मंदिर के ऊपर एक सुदर्शन चक्र लगा हुआ है जिसे आप कहीं से भी देखें, ये आपको सीधा ही नजर आएगा।
यहां पर मंडित के ऊपर एक ध्वज लगा हुआ है जो हमेशा हवा की उलटी दिशा में ही लहराता है।
बता दें कि इस मंदिर में के सिंहद्वार में प्रवेश करने के आपको बाहर की समंदर की आवाज नहीं सुनाई देती है।