– मान्यता है कि लक्ष्मी पूजा की रात उल्लू की बलि देने से अगले साल तक के लिए धन-धान्य, सुख-संपदा बनी रहती है।
– उल्लू की बलि देने के लिए नियम हैं, जिसमें कई तांत्रिकों की मदद ली जाती है। जो शख्स बलि देता है उसे दीवाली वाले दिन मध्यरात्रि को नहाना हाोता है।
– इसके बाद एक सफेद धोती लपेटनी होती है और ऊपर शरीर पर कोई कपड़ा नहीं पहनना होता। इस शख्स को इसके बाद आंख बंद करके बैठना होता है।
– तांत्रिक मंत्रों का जाप करता है और उल्लू को किसी कपड़े में लपेटा जाता है। इस दौरान उल्लू को नशीली पदार्थ पिलाया जाता है।
– इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि उल्लू की बलि देने वाली जगह पर कोई बच्चा या फिर महिला मौजूद न हो। क्योंकि ऐसा करना अपशगुन माना जाता है।
– माना ये भी जाता है कि इस क्रिया को अगर कोई बच्चा देख ले तो वो अकाल मौत मर जाएगा। साथ ही कोई महिला देखें तो वो बांझ हो जाएगी।
– आज भी लोग काली पूजा के लिए उल्लू की बलि देते हैं। लोग धन जल्दी कमाने के लिए ऐसा काम करता है।
– उल्लुओं की बलि देना सही नहीं है। चाहे इसके पीछे लोगों की कितनी भी मान्यता हो, लेकिन किसी की जान गलत ही होता है।