दस का दम

वास्तु के अनुसार इन जगहों पर कभी न लें घर, हो सकता है नुकसान

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Published: June 18, 2018 03:13:54 pm
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हर कोई अपने घर का सपना देखता है, लेकिन बिना सोचे समझे कहीं भी घर बनवाने व लेने से आपको खुशियों की जगह गम मिल सकता है। क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार कई मकान गलत दिशाओं में बने होते हैं। जिसके चलते तरक्की की जगह परेशानियां आने लगती हैं।

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यदि घर की दिशा दक्षिण है तो इसे मंगल का स्थान माना जाता है। यदि घर के सामने कोई नीम का पेड़ हो तो ये मंगल के असर को कम कर शुभ फल देगा। यदि पेड़ नहीं है तो घर का शुभ—अशुभ प्रभाव अंदर के इंटीरियर पर निर्भर करता है।

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अगर कोई घर पूर्व दिशा की ओर हो खासतौर पर उसके सामने का भाग तो ये सूर्य का क्षेत्र कहलाता है। वास्तु के अनुसार ऐसे घर औसतन परिणाम देने वाले होते हैं। यदि मकान के अंदर चीजें सही दिशाओं में चीजें नहीं बनीं है तो ये अशुभ फल दे सकता है। ऐसे घरों में आग लगने की भी आशंका होती है।

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जो घर वायव्य दिशा में बने होते हैं ऐसे घरों को चंद्र का क्षेत्र माना जाएगा। ऐसे घर में महौल शांतिमय रहता है। यहां रहने वाले लोगों की तरक्की होती है, लोगों में प्रेम भावना बढती है। वास्तु के लिहाज से ऐसे घर शुभ माने जाते हैं।

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अगर मकान उत्तर दिशा में बना है तो यह बुध ग्रह का क्षेत्र कहलाएगा। यदि यहां गुरु और चन्द्र ग्रह को दर्शाने वाले वृ़क्ष लगे हो तो ऐसा घर आर्थिक लिहाज से अच्छा नहीं रहेगा।

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मकान के गुरु के क्षेत्र में होने पर ऐसे घरों के सामने पीपल का वृक्ष व धर्मस्थल होता है। ऐसे घर बहुत अच्छे माने जाते हैं। ऐसे घरों में रहने से सदस्यों को मान-सम्मान मिलता है। उनका मन शांत रहता है और दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है।

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मकान के आग्नेय कोण यानि शुक्र क्षेत्र में होने पर ऐसे घरों के पास मनीप्लांट व अन्य बेल वाले वृक्ष लगे होते हैं। ऐसे घरों पर शुक्र और चंद्र दोनों का असर होता है। इसलिए ऐसे घर देखने में बहुत अच्छे लगते हैं। यहां रहने वालों की तरक्की होती है और उन्हें धन—धान्य की प्राप्ति होती है।

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यदि घर पश्चिम दिशा अर्थात शनि के क्षेत्र में बना है तो ऐसे घरों के पास आम और खजूर के वृक्ष होते हैं। ऐसे घरों में रहने से शनि नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं। इन घरों में रहने से दुर्घटना, आग लगना एवं चोरी होने आदि का डर रहता है।

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मकान के नैऋत्य कोण यानि राहु की दिक्षा में निर्मित होने वाले घर ज्यादातर पुश्तैनी होते हैं। यदि इसे बेचने वाले का राहु खराब रहा है तो ये मकान जो खरीदेगा उसे भी अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे। ऐसे घरों में ज्यादातर भूत—प्रेतों का वास होता है। इन घरों के पास कांटेदार पेड़ होते हैं।

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यदि मकान केतु के क्षेत्र में बना है तो घर शुभ—अशुभ दोनों फल दे सकता है। ये मकान के अंदर के निर्माण क्षेत्र पर निर्भर करेगा। ऐसे मकानों में बच्चों से संबंधित परेशानी हो सकती है। इसके अलावा घर के सदस्यों को किसी करीबी से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

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