हमारे देश की हर गली और नुक्कड़ में चाय-समोसे और जलेबी के ठेले देखने को मिलते हैं। लोग भी इन्हें खूब चाव से खाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ये देसी स्वाद वाले व्यंजन भारत के नहीं बल्कि विदेशों के हैं। आज हम आप आपको ऐसे ही 10 फूड्स के बारे में बताएंगे।
भारत में चाय एक ऐसा पेय पदार्थ बन चुका है जिसके बिना लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। यहां लोगों के दिन की शुरुआत ही चाय से होती है। मगर असलियत में चाय ब्रिटेन देश की देन है। अंग्रेज अपने साथ इसे भारत लेकर आए थे।
सीली जलेबी का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है। लोग इसे शाही मिठाई की तरह खाते हैं। मगर क्या आपको पता है ये जलेबी असल में कहां से आई है। दरअसल ये जलेबी पर्सिया और अरब की देन है। पर्सिया में इसे 'जालाबिया' और अरब में 'जलबिया' के नाम से पुकारा जाता है।sha
इंडिया के हर घरों में स्पेशल फंग्शन और त्योहारों के मौके पर शाही पनीर की सब्जी और नान बनता है। लोग इसे खूब चाव से खाते भी हैं, लेकिन हकीकत में ये भारत की नहीं बल्कि मुगलों की डिशेज हैं। भारत में इसे लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। इसके अलावा ईरान और पर्सिया में भी ये डिशेज सदियों से बन रही हैं।
सर्दी हो या गर्मी भारत में हर मौसम में गर्मागर्म समोसे नाश्ते में पसंद किए जाते हैं। बैचलर्स के लिए तो समोसा खाना एक पार्टी की तरह है। मगर भारत में इसे लाने का श्रेय मुगलों को जाता है। 14वीं सदीं में मुगल शासित देशों में समोसे को संबुस्क कहा जाता था। उस वक्त समोसे में आलू की जगह मीट भरा जाता था।
बैचलर्स के डेली लाइफ का अहम हिस्सा बन गया है मैगी। असल में ये जर्मनी की डिश है। यहां साल 1872 में सबसे पहले इसे बनाया गया था। वहां उसका नाम जूलियस मैगी था। भारत में इसे लोगों की दिल की धड़कन बनाने का श्रेय नेस्ले कंपनी को जाता है।
हर भारतीय व्यंजनों की जान है आलू। इसके बिना हर सब्जी अधूरी रहती है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि आलू भारत की देन है। जबकि असलियत में ये यूएसए और पेरू से लाया गया है। यहां आलू के कई तरह के डिशेज बनते हैं। 17वीं शताब्दी में आलू को भारत लाया गया था।
भारतीयों की फेवरेट डिशों में से एक है राजमा—चावल। मगर क्या आपको पता है ये स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर राजमा आया कहां से है। दरअसल ये मैक्सिको और ग्वोटमाला की डिश है। इसे भारत में जाने के बाद अब जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में इसकी बहुत खेती होती है।
आलू की तरह ही टमाटर भी विदेश की देन है। ये स्पेन में पाया जाता था। जिसे 17वीं शताब्दी में भारत लाया गया था। तभी से भारत में आलू—टमाटर बनने का चलन शुरू हुआ था। अब भारत में ये खेती का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
रस से भरे हुए गुलाब जामुन को देखकर हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। भारत में तो इसे शादी—बारात में जरूर शामिल किया जाता है। मगर आपको पता है ये गुलाब जामुन कहां से आया है। दरअसल ये एक पर्सियन मिठाई है। वहां इसे लुकमत-अल-कैदी के नाम से जाना जाता है।