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1.पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म एक नामी और समृद्ध परिवार में हुआ था उनके पिता रुतबेदार वकील और इंडियन नेशनल कांग्रेस की लीडर थे।
2.कहा जाता है कि साल 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद जवाहरलाल नेहरू ने देश की राजनीति को नई दिशा देना का काम किया। उन्हे इस कांड की जांच के लिए गठित समिति का सदस्य बनाया गया था।
3.प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होने देश को विकास के रास्ते पर अग्रसर करने के लिए कई नियम बनाए और इन नियमों से आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास को नई दिशा भी दी।
4.आज़ादी के आंदोलन के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू को करीब 9 बार जेल भी जाना पड़ा। इसपर उनकी किताब ग्लिंपसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री’ में भी जिक्र है।
5.साल 1950 से 1955 तक करीब 11 बार पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नमित किया गया लेकिन इसे प्राप्त करने का सौभाग्य उन्हे कभी नहीं मिला।
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6.पंडित नेहरू को फिल्मों का भी बहुत शौक था इसके अलावा उन्हे सुरैया के गाए हुए गानों और गज़लों को सुनने का भी बहुत शौक था।
7.जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य संसाधनों के अनावश्यक विस्तार को रोकने के लिए चीन के साथ पंचशील का समझौता किया लेकिन नेहरू की गुट निरपेक्षता की नीति अमरीका को रास नहीं आयी।
8.विश्व शांति के लिए 1948 में जम्मू कश्मीर पर हुए पाकिस्तानी हमले को भी जवाहरलाल नेहरू ने नज़रअंदाज़ कर दिया था।
9.1962 में चीन के साथ हुए युद्ध को भी पंडित नेहरू ने आखिरी वक्त तक टालने की कोशिश की लेकिन चीन ने नेहरू की छवि खराब करने के लिए उन्ही के ऊपर युद्ध थोप दिया। इसी कारण से नेहरू आखिरी वक्त पर नोबल पुरस्कार पाने से रह गए।
10.साल 1955 में आखिरी बार जवाहरलाल नेहरू को नोबल पुरस्कार के लिए नामाँकित किया गया लेकिन उस वक्त भी उन्हे निराशा ही झेलनी पड़ी थी।