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दस का दम

कहीं अपनी अंगुली काटकर जताते हैं दुख तो कहीं चट्टानों पर टांग देते हैं शव, ये है अंतिम संस्कार की अजीबो—गरीब परंपराएं

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6 years ago
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भारत में मृतकों के शव को जलाने एवं दफनाने की परंपरा है। मगर दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां अंतिम संस्कार के अजीबो—गरीब नियम प्रचलन में है। यहां कहीं शवों का चट्टान में टांग कर उन्हें याद किया जाता है तो कहीं इन्हें बीड्स (एक तरह की मोतियां) के तौर पर संरक्षित किया जाता है। आज हम आपको शवों के साथ होने वाले कुछ ऐसे ही अजीब कामों के बारे में बताएंगे।

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पापुआ न्यू गिनी के मेन्यामा इलाके में मृतक की लाश को संरक्षित करने के लिए उसे चट्टान पर टांग दिया जाता है। शव को उस स्थान पर रखने से पहले उस पर खास तरह का लेप लगाया जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसा करने से मृतक की आत्मका गांव की रक्षा करती है।

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दक्षिण कोरिया के कुछ स्थानों में अंतिम संस्कार के समय व्यक्ति की लाश को बीड्स के तौर पर संरक्षित किया जाता है। इसके तहत वे डेड बॉडी की राख को कंप्रेस करके मोतियां बनाते है। इसके वे इन्हें अपने घरों में रखते हैं।

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चीन के सिचुआन में लोगों की कब्र एक पहाड़ी पर टंगी हुई है। ये कब्र करीब तीन हजार साल पुरानी हैं। हालांकि यहां के समुदाय के लोगों का ऐसा करने की वजह साफ नहीं हैं। क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि शव को जानवरों से बचाने के लिए ऐसा किया जाता था। तो वहीं कई लोगों के अनुसार ये एक परंपरा थी।

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दुनिया के सबसे खतरनाक जंगल अमेज़न के रेनफॉरेस्ट में यनोमामी नाम की जाति है। जो मुर्दों की हड्डियां खाते हैं। उनके मुताबिक ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। जनजाति मृतक के शव को खाने से पहले इसे एक महीने के लिए पत्तियों में छिपा देती है। जिससे शव को कीड़े खा सके। तय समय सीमा के बाद समुदाय के लोग शव को निकालकर उसकी हड्डियों को पकाकर केले के सूप में मिलाकर पीते हैं। इसके एक साल बाद शव के राख को किसी अन्य सूप में मिलाकर पीते हैं।

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इंडोनेशिया के पापुआ के एक समुदाय के लोग अपने प्रियजन की मृत्यु पर अपनी अंगुली काटकर शोक जताते थे। इसके अलावा वो शव के राख को अपने चेहरे पर भी लगाते थे। हालांकि अब यहां पर यह प्रथा बंद हो गई है। मगर कटी उंगली वाले बूढ़े लोग आपको आज भी मिल जाएंगे।

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रूस में अंतिम संस्कार के दौरान चर्च बेल बजाकर सारे गांववालों को इकट्ठा करते हैं। फिर व्यक्ति के मरने के नौवें और 40वें दिन डिनर पार्टी का आयोजन किया जाता है। इस पार्टी के दौरान रशियन वोदका, डिल पिकल्स व राई ब्रेड आदि को प्लेट में सर्व किया जाता है।

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पारसी धर्म में मृतकों के शव को वहां मौजूद 'टॉवर ऑफ साइलेंस' नामक स्थान पर रख दिया जाता है। जिससे गिद्ध अपना पेट भर सकें। हालांकि शवा को वहां रखने से पहले एक और परंपरा निभाई जाती है। उसके तहत डेड बॉडी को अच्छी तरह से पानी और सांड के पेशाब से साफ किया जाता है।

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शवों को दफनाने के लिए घाना में डिजाइन ताबूत तैयार किये जाते है।। इसके तहत मछली, मेंठक आदि तरह की आकृति के कब्र बनाए जाते हैं। इसके लिए अच्छे से अच्छे कारपेंटर समेत आर्टिस्टों को बुलाया जाता है।

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मेडागास्कर में शवों के साथ डांस करने की अजीब पंरपरा प्रचलन में हैं। इसके तहत मरने वाले किसी करीबी की लाश को ताबूत से निकालकर उसे नए कपड़े पहनाए जाते हैं। इसके बाद शव को कंधों पर उठाकर डांस किया जाता है। इस प्रक्रिया को फैमिडिहाना (Famidihana) कहा जाता है।

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