इसी तरह सुषमा स्वराज ने लाहौर के मूल निवासी शाहज़ेब इकबाल की मदद की, जिन्होंने अपने चचेरे भाई के लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मेडिकल वीजा के लिए मदद मांगी थी। उन्होंने ट्विटर पर मंत्री से कहा, “अल्लाह के बाद आप हमारी आखिरी उम्मीद हैं… कृपया हमें इस्लामाबाद दूतावास (भारतीय उच्चायोग) से मेडिकल वीजा जारी करने की अनुमति दें।”
सुषमा स्वराज ने ट्वीट के साथ तुरंत जवाब दिया, “भारत आपकी आशा पर खरा उतरेगा। हम तुरंत वीजा जारी करेंगे।”
उसी साल, साजिदा बीबी नाम की एक अन्य पाकिस्तानी ने भी सुषमा स्वराज से भारतीय चिकित्सा वीजा की मांग की। उसने लिखा, “सुषमा स्वराज, मेरा नाम साजिदा बीबी है मैंने दो साल पहले मेदांता अस्पताल हरियाणा में लिवर ट्रांसप्लांट करवाया था। अब मुझे दोबारा वीजा लेने में जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है। मुझे तुरंत वीजा के लिए आवेदन करने की जरूरत है। कृपया मेरे निवेदन पर सुनवाई करें।”
सिर्फ इतने ही नहीं हैं जिनकी सुषमा स्वराज ने अपनी ट्विटर पॉलिसी के ज़रिए मदद की है। अब हम बात करते हैं पाकिस्तान लोगों के रिएक्शन के बारे में जो वाकई में भावुक कर देने वाले हैं।
पाकिस्तान के एक ट्विटर यूजर का कहना है कि- मुस्लिमों को पुनर्जन्म में विश्वास नहीं है… लेकिन ऐसा होता है तो तो मैं चाहूंगा कि सुषमा स्वराज पाकिस्तान में पैदा हों और यहां एक राजनेता बनें।”