– मुंबई में ड्रेनेज की समस्या काफी बड़ी है। हाई टाईड ( high tide ) के कारण यहां लगातार बारिश ( rain ) होती है और फिर ये पानी शहरों के बाहर नहीं निकल पाता, जिससे निचले इलाकों में पानी भर जाता है।
– राज्य के कई निचले इलाको में लोकल ट्रेन की पटरियां समुद्र लेवल से भी नीचे हैं। ऐसे में वो पानी में डूब जाती हैं और जिससे लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर भारी असर पड़ता है।
– यहां का ड्रेनेज सिस्टम सालों पुराना है, जिसे पूरी तरह बदला नहीं गया है। ऐसे में यहां पानी भर जाता है।
– मुंबई में नालियों से कूड़ा बाहर निकाला तो जाता है, लेकिन समय रहते उसे वहां से हटाया नहीं जाता। ऐसे में वो बारिश के पानी के साथ बहकर दोबारा नालियों में पहुंच जाता है।
– हर साल मायानगरी में बारिश के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। बावजूद इसके ड्रेनेज सिस्टम को ठीक नहीं किया जा रहा।
– नगर पार्षद अपना काम पूरी वफादारी के साथ नहीं कर रहे क्योंकि वो अगर ऐसा करते तो पानी निकासी की समस्या से कब का छुटकारा मिल जाता।
– यहां के लोग कहीं भी कूड़ा फेंक देते हैं, जो कि बारिश के पानी के साथ बहकर नालियों में पहुंचता है और उन्हें जाम कर देता है। इस पर लोगों को खुद ध्यान देना चाहिए।
– जिन जगहों पर झुग्गी-झोपड़ियां हैं, वहां पर कोई कूड़ेदान नहीं हैं। ऐसे में यहां कूड़े का अंबार लग जाता है जो कि बारिश के समय कई बीमारियों को जन्म देता है।
– घरों से निकलने वाली प्लास्टिक की थैलियों को लोग नालियों में डाल देते हैं। जिससे बारिश के समय नालियां बुरी तरह जाम हो जाती है और जगह-जगह पानी भर जाता है।
– बीएमसी ( BMC ) से लेकर राज्य सरकार की तरफ से जलभराव की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता क्योंकि अगर ऐसा होता तो मुंबई हर साल पानी-पानी नहीं होती।