बढ़ती उम्र के असर को देना है मात तो करें इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल 1.फिट बॉडी के लिए डाइट का सही होना बेहद जरूरी है। इसलिए संतुलित भोजन लें। अपने खाने में विटामिन्स, प्रोटीन, मिनरल्स, वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा शामिल करें। हालांकि वसा की मात्रा सीमित रखें।
2.आायुर्वेद विज्ञान के अनुसार सभी व्यक्तियों का शरीर अलग-अलग प्रकृति का होता है। इसलिए उन्हें अपने शरीर के मुताबिक भोजन करना चाहिए। अगर किसी की बॉडी में पित्त की प्रकृति ज्यादा है तो उन्हें तेल, हल्दी एवं अन्य पीली चीजों को खाने से बचना चाहिए।
3.स्वस्थ शरीर के अलावा हमें अपने मस्तिष्क को भी दुरुस्त रखना जरूरी है। इसके लिए रोजाना आठ घंटे की नींद लें। साथ ही सुबह जल्दी उठकर प्राणायाम एवं योग करें। ऐसा करने से ब्रेन में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी।
4.आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार सोने के लिए सबसे सही समय रात 9 से सुबह 5 बजे तक होता है। क्योंकि रात 11 से 2 बजे के बीच व्यक्ति को सबसे ज्यादा गहरी नींद आती है।
5.शरीर को फिट बनाने के लिए खाना खाने का समय भी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि गलत समय पर भोजन करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सुबह का नाश्ता सोकर उठने के एक घंटे के अंदर कर लेना चाहिए।
डायबिटीज को कहना है गुड बाय तो रोजाना दालचीनी समेत खाएं ये 10 चीजें 6.नाश्ते का उचित समय सुबह 6 से 8 बजे तक होता है। इस दौरान ब्रेकफास्ट करने से पूरे दिन एनर्जी रहती है। इससे बीमारियों से भी बचाव होता है।
7.ब्रेकफास्ट के अलावा लंच भी दोपहर 2 बजे तक कर लेना चाहिए। जबकि रात का खाना शाम 8 बजे से पहले कर लेना चाहिए। क्योंकि देर रात को मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इससे खाना ठीक से पच नहीं पाता है।
8.स्वस्थ शरीर के लिए पानी पीना भी बहुत जरूरी है। एक व्यक्ति को रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। गर्मियों में आप इससे ज्यादा पानी पी सकते हैं। 9.आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार पानी पीना अच्छा होता है, लेकिन इसे खाना खाते समय नहीं पीना चाहिए। ये मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया पर बुरा असर डालता है। इससे खाना ठीक से नहीं पच पाता है। इसलिए भोजन करने के एक घंटे पहले एवं बाद में पानी पिएं।
10.स्वस्थ रहने के लिए सही डाइट लेने के अलावा मन का खुश रहना भी जरूरी है। इसलिए टेंशन न लें और खुश रहना सीखें। साथ ही अपनी सोच को सकारात्मक रखें। 11.शरीर को स्वस्थ बनाने की इस पहल की शुरुआत साल 1950 से हुई थी। जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने शुरू किया था। अब हर साल पूरी दुनिया में 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे के तौर पर मनाया जाता है।