एक करोड़ दस लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को दिए इंटरव्यू में बताया कि मंत्रालय के तहत श्रम ब्यूरो ने आधार वर्ष 2016 के साथ नए सीपीआई-आईडब्ल्यू को अंतिम रूप दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि आधार को हर छह माह में एक बार संशोधित किया जाए ताकि काॅस्ट आॅफ लीविंग में होने वाले बदलावों से कदमताल किया जा सके। मौजूदा समय में जो सीपीआई-आईडब्ल्यू है वो करीब 18 साल पुराना है। ये अब भी साल 2001 में आधार वर्ष के रूप में है। सरकार के इस कदम से करीब 1 करोड़ 10 लाख कर्मचारियों आैर पेंशनभोगियों को सीधे तौर पर लाभ होगा। अंतिम बार अाधार वर्ष में छठे सेन्ट्रल पे कमीशन के दौरान साल 2006 में संशोधन किया गया था। उस दौरान आधार वर्ष को 1882 से बदलकर 2001 किया गया था।
आैद्योगिक केन्द्रों की संख्या में होगी बढ़ोतरी
अधिकारी ने कहा कि नए इंडेक्स में नए औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने के लिए और अधिक प्रतिनिधि बनाने के लिए अतिरिक्त औद्योगिक केंद्रों को शामिल किया जाएगा, जिसमें कुल मिलाकर औद्योगिक केंद्रों की संख्या 78 के मुकाबले 88 हो जाएगी। पिछले 15 वर्षों में औद्योगिक श्रमिकों की जीवनशैली में बदलाव को दर्शाने के लिए कारों और मोबाइल सहित सूची में कई नए आइटम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि “अब तक औद्योगिक कार्यकर्ता के मासिक व्यय में विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की खपत के साथ परिवहन, स्वास्थ्य और आवास का भार नई श्रृंखला में कई गुना बढ़ गया है, जबकि वहां कारों के अतिरिक्त कुल फूड बास्केट में भी गिरावट हुआ है जो विविधतापूर्ण है”
जनवरी में बढ़ा था 2 फीसदी महंगार्इ भत्ता
लेकिन इस इंडेक्स का उपयोग सभी सरकारी कर्मचारियों आैर अौद्योगिक श्रमिकों की महंगार्इ भत्ता निर्धारित करने के लिए किया जाता है, इसलिए अधार वर्ष में संशोधन किए जाने से सरकारी खजानों पर करोड़ों रुपये का बोझ बढ़ने की भी संभावना है। नया इंडेक्स बहुत जल्द ही एडवाइजरी कमिटी के पास भेजा जाने वाला है। जिसके बाद इसे अंतिम रूप देने से पहले राष्ट्रीय त्रिपक्षीय परामर्श में जाना होगा। श्रमिक ब्यूरो ने सूचकांक के सभी चरणों में विकास त्रिपक्षीय समिति से खारिज कर लिया था। बता दें कि सातवें पे कमीशन की सिफारिशों के आधार पर, केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने इस साल मार्च में 5 फीसदी प्रभावी जनवरी 2018 से डीए में 7 फीसदी की वृद्घि की गर्इ है। इससे कुल 48.41 लाख केंद्रीय कर्मचारियों आैर 61.67 लाख पेंशनभोगियों को लाभा मिला है।