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सरकार के फैसले से 10 लाख कारोबारियों का लाभ, व्यापारियों ने किया PM Modi का आभार

locationनई दिल्लीPublished: Nov 26, 2019 06:14:21 pm

Submitted by:

manish ranjan

दुकान मालिकों को संपत्ति के अधिकार देने के केंद्र सरकार के फैसले की सराहना
लंबे समय से दुकानों की सीलिंग और नियमितीकरण के मुद्दों को उठा रही है

PM Narendra Modi and Jodhpur connection

PM Narendra Modi and Jodhpur connection

नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दिल्ली में दुकान मालिकों को संपत्ति के अधिकार देने के केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की यह एक ऐतिहासिक कदम है जो दिल्ली में लगभग 10 लाख व्यापारियों को लाभान्वित करेगा जो लंबे समय से व्यावसायिक गतिविधियों चला रहे हैं । कैट एक लंबे समय से दुकानों की सीलिंग और नियमितीकरण के मुद्दों को उठा रही है
दिल्ली के व्यापारियों को एक बड़ी राहत देने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप पुरी की सराहना करते हुए, खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली की लगभग 70% भूमि लीज़ होल्ड आधार पर है, जहाँ व्यापारी दशकों से बिना किसी सम्पत्ति के अधिकार के व्यावसायिक गतिविधियों चला रहे थे हालाँकि वो सब सम्पत्तियाँ पूरी तरह वैध संपत्ति थी ।संपत्ति को फ्री होल्ड करने का अधिकार देना अब व्यापारियों को संपत्ति का वैध मालिक बना देगा। व्यापारियों द्वारा प्रमुख लाभ अर्जित किया जाएगा क्योंकि फ्री होल्ड होने के बाद, वे किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान से वित्त तक पहुंच प्राप्त करेंगे जो अब तक लाभ उठाने में सक्षम नहीं थे। यह उन्हें अन्य लाभों को प्राप्त करने का भी अधिकार देगा जो उनके नियमित होने के बाद अनधिकृत कॉलोनियों को दिए जा रहे हैं।
कैट ने सरकार के पिछले कार्यकाल में यह मांग उठाई थी जो अब पूरी हो गई है। दिल्ली के व्यापारी इस फैसले पर काफी खुश हैं, जो आखिर में उन्हें अपनी दुकान या संपत्ति का मालिक बनाने जा रहा है। व्यापारी पहले से ही इन सम्पत्तियों पर हाउस टैक्स, बिजली और अन्य सरकारी कर कमर्शल डर पर कई दशकों से दिए जा रहे थे ।
खंडेलवाल ने सरकार को सुझाव दिया है कि इसी तर्ज पर, सरकार कट ऑफ डेट के साथ एमनेस्टी स्कीम ला सकती है और एमनेस्टी स्कीम के तहत आने वाले क्षेत्रों के लिए अलग विकास मानदंड निर्दिष्ट किए जा सकते हैं। काफी समय तक हजारों दुकानें सील रहीं, जिसने दिल्ली के व्यापार को तबाह कर दिया और व्यापारियों, उनके कर्मचारियों और उनके परिवारों के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो गया। एमनेस्टी योजना के तहत ऐसी सभी दुकानों को डी-सील कर दिया जाना चाहिए, ताकि दिल्ली में व्यापार का सुचारू कार्य शुरू हो सके और बेरोजगारी का कोई अवसर न हो।
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