कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर में 2.5 करोड़ लोग हो सकते हैं बेरोजगार, जानें सबसे ज्यादा किस देश पर होगा सबसे ज्यादा असर
- कोरोना वायरस की वजह से शेयर मार्केट धड़ाम, आर्थिक मंदी जैसे हालात
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन का संकेत, इस मंदी 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी खतरें में

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में त्राहि-त्राहि मची हुई है। हर कोई इस त्रासदी से परेशान है। पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी जैसे हालात बनते जा रहे हैं और इसी के मद्देनजर UN ने इस बीमारी की वजह से बेरोजगारी फैलने की बात कही है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में लगभग 2.5 करोड़ लोग अपनी नौकरी कगंवा सकते हैं।
3400 अरब डॉलर का हो सकता है नुकसान-
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 'रोजगार में गिरावट का मतलब है कि कर्मचारियों को वेतन में भारी नुकसान।' अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की मानें तो 2020 के अंत तक नौकरीपेशा लोगों को 860 अरब डॉलर से 3,400 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। इसी के साथ संगठन ने आने वाले वक्त में लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने की बात कहते हुए कहा कि इससे बचने के लिए सरकारों को ग्लोबल लेवल पर प्रयास करना पड़ेगा।
भारत पर भी पड़ेगा असर- ग्लोबल बेरोजगारी का असर भारत पर भी पड़ेगा लेकिन कितना पड़ेगा ये नहीं कहा जा सकता है। हां इतना जरूर है कि सबसे ज्यादा असर एविएशन, टूरिज्म, ऑटोमोबाइल और फूड इंडस्ट्री पर पड़ेगा ।

अमेरिका पर पड़ेगा सबसे बुरा असर- हालांकि ILO की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है लेकिन जानकारों की मानें तो इस बेरोजगारी का सबसे बड़ा शिकार अमेरिका बना सकता है। मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में लगभग 80 मिलियन लोग अपनी जॉब गंवा सकते हैं। जो कि पूरी अमेरिका में जॉब का आधा है। यानि इस बीमारी की वजह से आधा अमेरिका बेरोजगारी की कगार पर है। जिनमें से 27 मिलियन लोगों की नौकरी हाई रिस्क कैटेगरी में आती है। बाकी 52 मिलियन लोगों की नौकरी मॉडरेट रिस्क कैटेगरी में आती है। इनमें से 5 मिलियन लोगों की नौकरी या तो पूरी तरह से छूट जाएगी या फिर वो पार्ट टाइम जॉब में होंगे ।
आपको बता दें कि अगर ऐसा होता है तो ये 2009 से भी बुरे हालात होंगे क्योंकि उस वक्त अमेरिका में 8 लाख लोग बेरोजगारी हो गए थे ।
इन सेक्टर्स का होगा बुरा हाल- ऐसा नहीं है कि कोरोना की वजह से सिर्फ ट्रैवेल और टूरिज्म या एविएशन इंडस्ट्री पर ही असर पड़ रहा है, बल्कि लॉंग टर्म में ऐसे उद्योग जिनमें कामगारों की जरूरत पड़ती है जैसे फूड बिजनेस, फैक्ट्रीज, मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स उद्योग धंधो पर सबसे गहरा असर पड़ेगा ।
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