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प्रत्यक्ष उत्पादन को होगा नुकसान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है। जिसका असर देश की इकोनॉमी में देखने को मिल सकता है। नोमुरा होल्डिंग्स की सोनल वर्मा के अनुसार लॉकडाउन की अवधि को 21 दिन से 40 दिन तक बढ़ाने के कारण इस समय में 8 फीसदी से अधिक प्रत्यक्ष उत्पादन नुकसान होगा। इस कारण देश की अर्थव्यवस्था में 40 सालों में पहली बार सालाना नकारात्मक ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
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1980 के बाद देखने को मिल रही है ऐसी हालत
नोमुरा होल्डिंग्स के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में 0.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी। आखिरी बार इस तरह की हालत 1980 में देखने को मिली थी। उस समय इकोनॉमी में नेगेटिव ग्रोथ देखने को मिली थी। उस समय जीडीपी में 5.2 फीसदी का नुकसान हुआ था। नोमुरा में एशिया इकोनॉमिक्स एक्स-जापान की प्रमुख वर्मा के अनुसार लॉकडाउन के खत्म होने के बाद भी लोगों में डर का एक माहौल बने रहने की संभावना है। वर्मा के अनुसार अंसगठित मजदूरों के रोजगार और आजीविका पर इस लॉकडाउन का बुरा असर देखने को मिल सकता है। कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्टर में नेगेटिव सेंटीमेंट्स देखने को मिल सकती है।