कंपनियों के पास नहीं हैं संसाधन
आपको बता दें कि टेलिकॉम इंडस्ट्री में भी 5जी तकनीक को लाने के लिए कुछ खास उत्साह नहीं दिख रहा है। इस इंडस्ट्री का मानना है कि इस समय टेलिकॉम कंपनियों की हालत इतनी अच्छी नहीं कि वे इस तकनीक को लाने के लिए इसमें निवेश कर सकें और न ही सरकार की ओर से इन कंपनियों को संसाधन मिल पा रहे है।
मौजूदा सर्विस को देना ही बड़ी चुनौती है
टेलिकॉम कंपनियों का अगर पिछले कुछ समय का रिकॉर्ड देखे तो इन सभी कंपनियों का मुनाफा लगातार कम होता ही दिख रहा है। ऐसे समय में किसी नई तकनीक को लाने के विषय में सोचना थोड़ा मुश्किल है। इस मंदी के दौर में सभी टेलिकॉम कंपनियों को अपनी पुरानी सेवाओं को सही से देना ही उनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस बात की जानकारी मोबाइल ऑपरेटर असोसिएशन के डीजी राजन मैथ्यूज ने दी। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार को लगता है कि वह 5जी तकनीक को बेचकर अपनी हालत में सुधार कर सकती है।
सरकार ने दी मंजूरी
सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी लोग चाहते हैं कि देश में जल्द से जल्द 5जी की तकनीक आए और हम अपने कामों को और आसान बना पाएं। इसके लिए नई नीतियां बनाई गई हैं और इन सभी को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी भी मिल चुकी है। इसमें लाइसेंसिंग और फ्रेमवर्क, सभी के लिए कनेक्टिविटी, सेवाओं की गुणवत्ता जैसी तकनीक शामिल हैं। साथ ही इसमें 5जी के लिए भी रोडमैप होगा, जिसमें 5जी को लाने में हो रही परेशानियों के लिए भी समाधान होगा।
सब कुछ होगा हाईटेक
जानकारों का मानना है कि 5जी तकनीक आने के बाद देश में नई क्रांति आएगी इसके साथ ही इंटरनेट की स्पीड आज की तुलना में हजार गुना बढ़ जाएगी। इसके आने के बाद देश में अन्य सभी चीजें भी हाईटेक हो जाएंगी। भारत के अलावा अगर हम अन्य देशों की बात करें तो उसमें दक्षिण कोरिया, चीन और जापान इस तकनीक को लाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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