8.12 करोड़ किसानों को पीएम-किसान योजना का लाभ मंत्रालय ने बीते साल 2019 के अपने कार्यक्रमों की समीक्षा में बताया कि आरंभ में इस योजना के तहत सिर्फ दो हेक्टेयर तक जमीन की जोत वाले किसानों को शामिल किया गया था, हालांकि उच्च आय वाले व्यक्ति को इससे अलग रखा गया है। बाद में एक अप्रैल 2019 से जमीन जोत की सीमा का विचार किए बगैर सभी किसानों को इसके तहत शामिल कर लिया गया है। कृषि मंत्रालय ने बताया कि अब तक करीब 8.12 करोड़ किसानों को पीएम-किसान योजना का लाभ मिल चुका है और इस मद में 48,937 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी की जा चुकी है। वहीं, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के तहत अब तक 19,19,802 लाभार्थियों का पंजीकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर 2019 को पीएम-केएमवाई का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत लघु व सीमांत किसानों को 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाएगा। यह ऐच्छिक व अंशदायरी पेंशन योजना है जिसमें 18 से 40 साल की उम्र के किसान शामिल हो सकते हैं। किसानों द्वारा मासिक अंशदान 55-200 रुपये है और केंद्र सरकार भी इतनी ही राशि का अंशदान करती है।
421 नई मंडियों को जोड़ने की मंजूरी इसके अलावा, पिछले साल ई-नाम के तहत 421 नई मंडियों को जोड़ने की मंजूरी प्रदान की गई। एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन) को भी ई-नाम पोर्टल से जोड़ा गया है। केंद्र सरकार ने देश के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया जिसकी 18 जुलाई 2019 और 16 अगस्त 2019 को दो बैठकें हो चुकी हैं। मंत्रालय ने अपने काम-काज का ब्योरा देते हुए बताया कि उच्च गुणवत्ता के पोषक अनाजों के बीजों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए देशभर में 25 बीज केंद्रों को मंजूरी प्रदान की गई है और इसके लिए पहली किस्त के रूप में 723 लाख रुपये की राशि जारी की गई है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में मॉडल विजेल प्रोजेक्ट के तहत 12.40 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे गए हैं।
1,44,113 मशीनों का वितरण इसके अलावा, चालू वित्तवर्ष में अब तक कृषि यंत्रीकरण के तहत 1,44,113 मशीनों का वितरण किया गया है और 2,300 कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है। वहीं, फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम के तहत चालू वित्तवर्ष में 32,808 मशीनों का वितरण किया गया है और 8,662 कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं। बागबानी फसलों के तहत 73,658 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि शामिल की गई है और 59 नर्सरी स्थापित की गई हैं।