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भारत ने Asian Development Bank से कहा- प्राइवेट सेक्टर के लिए सहायता का विस्तार करे

locationनई दिल्लीPublished: May 05, 2019 08:56:14 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

कंपनियों की शेयर पूंजी और बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों में निवेश के माध्यम से एडीबी निजी क्षेत्र की पहलों के विकास में सार्थक भूमिका निभा सकता है।- गर्ग
एडीबी ने 2018 में निजी क्षेत्र की पहलों के लिए सालाना आधार पर 37 प्रतिशत वृद्धि के साथ कुल 3.14 अरब डालर की मदद की जो उसकी कुल वित्तीय सहायता के 14.5 प्रतिशत के बराबर रही।
गर्ग ने पिछले 52 वर्षों के दौरान विकासशील देशों को बुनियादी ढांचा के विकास और गरीबी दूर करने की योजनाओं में मदद के लिए एडीबी के महती योगदान का उल्लेख किया।

Asian Development Bank

Asian Development Bank ने भारत को कहा- प्राइवेट सेक्टर के लिए सहायता का विस्तार करे

नई दिल्ली। भारत ने एशिया डेवलपमेंट बैंक ( ADB ) से निजी क्षेत्र के लिए कर्ज सहायता उपलब्ध कराने के कार्यक्रम का विस्तार करने की अपील की है ताकि सदस्य देशों के आर्थिक विकास में तेजी लाई जा सके। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को एडीबी के संचालन मंडल की यहां आयोजित बैठक को संबांधित करते हुए कहा,”एडीबी के सदस्य देशों को अपने यहां आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए बड़ी पूंजी सहायता जारी रखने के साथ साथ पूरे क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहायता जरूर बढ़ानी चाहिए। कंपनियों की शेयर पूंजी और बुनियादी ढांचा निवेश न्यासों में निवेश के माध्यम से एडीबी निजी क्षेत्र की पहलों के विकास में सार्थक भूमिका निभा सकता है।”

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इन क्षेत्रों पर विशेष रूप से देना होगा ध्यान

उन्होंने कहा कि इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन को मानव पूंजी के विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था की गाड़ी का प्रमुख इंजन बन गया है और उसकी यह भूमिका बरकरार है। गर्ग ने एडीबी संचालक मंडल के सदस्यों से कहा, “क्षेत्रीय सहयोग के कदम उठाते समय इस बात को ध्यान में रखा जाए कि इस क्षेत्र के देश मूल्यवर्धन (उत्पादन-प्रसंस्करण प्रक्रियाओं) की वैश्विक श्रृंखला की अभिन्न कड़ी बन सकें।”

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भारत ने एडीपी के प्रबंधकों से की अपील

उन्होंने कहा , “इस लिए हम एडीबी के प्रबंधकों से अपील करते हैं कि वे भारत जैसे देशों में सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाएं और इसके साथ साथ शहरों को स्मार्ट बनाने , चौबीसों घंटे बिजली पानी की सुविधा, सम्पर्क सुविधाओं के विस्तार और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को कम करने पर ध्यान दें।” एडीबी ने 2018 में निजी क्षेत्र की पहलों के लिए सालाना आधार पर 37 प्रतिशत वृद्धि के साथ कुल 3.14 अरब डालर की मदद की जो उसकी कुल वित्तीय सहायता के 14.5 प्रतिशत के बराबर रही।

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वित्त पोषण के नए तरीके निकालना महत्वपूर्ण

गर्ग ने पिछले 52 वर्षों के दौरान विकासशील देशों को बुनियादी ढांचा के विकास और गरीबी दूर करने की योजनाओं में मदद के लिए एडीबी के महती योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक वृद्धि की रणनीति की सफलता के लिए वित्त पोषण के नए नए तरीके निकालना महत्वपूर्ण है। इसके लिए ‘निजी और सार्वजनिक क्षेत्र, दोनों के वित्त पोषण को बारीकी से साधा जाना चाहिए। निजी क्षेत्र की मदद करते समय सावधानी बरती जाए कि यह विनिर्माण, सेवा और नयी डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे सही क्षेत्रों के लिए हो। इसमें एडीबी और अन्य बहु पक्षीय एजेंसियां शेयर पूंजी की भी मदद करें।” उन्होंने कहा कि एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में साझी समृद्धि और 2030 तक गरीबी और भुखमरी को दूर करने के स्वस्थ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) की पूर्ति के लिए कर्ज-ग्राही सदस्य एडीबी से सस्ते कर्ज की आवश्यकता बनी रहेगी। संगठन को बुनियादी ढांचा विकास की परियोजनाओं और मानव संसाधन विकास की योजनाओं को सीधे सहायता देने के साथ ही उनकी विकास यात्रा में ‘अनुभवी भागीदार के रूप में भी जुडऩा चाहिए।

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