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बढ़ाया जा रहा है एबीवाई का दायरा
जानकारी के अनुसार आर्थिक जनगणना रिपोर्ट 2011 के बाद शादी करने और जन्म लेने वाले बच्चों को भी अब प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना देने के बारे में काम हो रहा है। सरकार ने मानकों में बदलाव किया है। जिससे लाभार्थियों का दायरा बढ़ाया जा सके। मौजूदा समय में 2011 के आर्थिक जनगणना रिपोर्ट के आधार पर पात्र लोगों को ही योजना का लाभ दिया जा रहा है। जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2019 के समाप्त होने का इंतजार था। अब इसे सरकार के गठन के बाद लागू कर दिया जाएगा।
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अब 157 पैकेज निजी अस्पतालों में खुले
वहीं खुशी की एक बात और है कि अब 157 बीमारियों के पैकेज को निजी अस्पतालों के लिए भी खोल दिया गया है। वास्तव में सरकार ने जिन 303 बीमारियों के पैकेज को केवल सरकारी अस्पतालों में ही आरक्षित रखा था उनमें से 157 पैकेज निजी अस्पतालों में खोल दिए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आंखों के सफेद मोतिया से लेकर पित्ते की पथरी, हर्निया का आपरेशन, डेंगू, मलेरिया, निमोनिया, डायबिटीज, दौरे और यहां तक की स्नेक बाइट जैसी बीमारियों का इलाज भी निजी अस्पताल में करा पाएंगे। इससे पहले इन बीमारियों का इलाज आयुष्मान योजना में पहले सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही निश्शुल्क था। इससे पहले 1300 तरह के पैकेज में मरीजों का उपचार निजी अस्पतालों में हो रहा है।
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इतने लोगों को मिल चुका है एबीवाई का लाभ
आयुष्मान भारत योजना देश में को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। इस योजना के तहत अबतक करीब 18 लाख से अधिक लोगों को फायदा ले चुके हैं। आयुष्मान भारत की सरकारी वेबसाइट https://www.pmjay.gov.in/ पर दी गई जानकारी के अनुसार 2 अप्रैल तक आयुष्मान स्कीम से अब तक 18,20,686 लोग लाभ ले चुके हैं। इसके अलावा 2,88,07,760 ई-काड्र्स भी दिए जा चुके हैं। इस योजना के तहत 15,256 अस्पतालों को जोड़ा जा चुका है।
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क्या हैं आयुष्मान भारत योजना की विशेषताएं
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