खतों को भूल चुके हैं हम लोग और आज के जमाने में चंद
लोग ही हैं जो खत भी लिखते हैं। लेकिन किसी समय में खत ही एक मात्र जरीया
था किसी तक अपनी बात पहुंचाने का, जरा सोचिए आपको बापू के जमाने के खत मिल
जाए जो लोगों ने उन्हें लिखे थे।
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