क्या है इसके मायने
दरअसल, यह समस्या कोरोना जैसी महामारी के आने के बाद से शुरू हुई। जिसकी वजह से जहां पूरे देश में मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया। वही दूसरी ओर इससे लाखों लोग बेरोजगार भी हो गए। काम-धंधे बंद होने से लोगों के पास सबसे बड़ी समस्या तब होने लगी जब उन्हें लिए गए लोन की EMI का बोझ सामने आया। जिसे वो चुकाने में असमर्थ थे। ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को आदेश देकर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने का समय दिया गया। लेकिन फिर भी यह समस्या बनी ही रही। अब सबसे बड़ी समस्या उनके उपर तब और आ गई की पहले कर्ज की EMI को नहीं चुका पाना, उसके बाद उस पर ब्याज का लगना। जो लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था। केंद्र सरकार ने ग्राहकों की इसी परेशानियों को देखते हुए ये बड़ी राहत दी है। अब लोगों को लोग पर लगे ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। ऐसे ग्राहक सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार
बता दें कि अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार को बड़ी फटकार लगाई थी। और कहा था कि केंद्र सरकार इस बारे में हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक का नाम लेकर अपने आप को बचाने की कोशिश ना करे। इतना ही नही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा था कि वो सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी दिखा रही है ना कि लोगों की परेशानियों पर ध्यान दे रही है जो उनका सबसे बड़ा कर्तव्य है।