छोटे कारोबारियों को मिली बड़ी राहत
जीएसटीसी की इस 32वीं मीटिंग में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में GST रजिस्ट्रेशन का दायरा बढ़ाने पर सहमति बन गई है। अब 40 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। इससे पहले सालाना 20 लाख रुपए के अधिक टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य था। हालांकि पिछली जीएसटी काउंसिल में GST रजिस्ट्रेशन का दायरा 20 लाख रुपए के सालाना टर्नओवर से बढ़ाकर 50 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर पर करने का विचार किया जा रहा था। इससे छोटे और मंझोले कारोबारियों को फायदा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
बढ़ा कंपोजिशन स्कीम का दायरा
GST काउंसिल की 32वीं मीटिंग में एकीकृत कंपोजिशन योजना का ऑप्शन चुनने वालो को भी बड़ी राहत दी गई है। जीएसटी काउंसिल ने कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाने को औपचारिक मंजूरी दी है। काउंसिल में कंपोजिशन स्कीम की सीमा अब एक करोड़ रुपए की बजाय 1.5 करोड़ रुपए करने को मंजूरी मिली है, स्कीम पर बदलाव 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा। इसके अलावा सबसे बड़ी राहत ये है कि कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आने वाले कारोबारी तिमाही की बजाय, सालाना आधार पर रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
घरों पर नहीं घटा GST
इस जीएसटी काउंसिल मीटिंग में अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर GST घटने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने सस्ते घरों को लेकर कोई राहत नहीं दी। अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर GST घटाने पर सहमति काउंसिल की बैठक में नहीं बनी। अब इस मामले को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के पास भेजा जाएगा। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के सुझाव के बाद ही अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर GST में बदलाव होगा।
प्राकृतिक आपदाओं के लिए अधिकतर 1 फीसदी का लगेगा उपकर
पिछले साल अगस्त में भयंकर बाढ़ की चपेट में आने के बाद केरल द्वारा उपकर लगाने की मांग की गई थी, जिसके बाद उपकर लगाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया गया था। जेटली ने कहा कि केरल अब दो साल की अधिकतम अवधि के लिए 1 फीसदी का अधिकतम उपकर लगाने का हकदार है। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद प्राकृतिक आपदाओं के मामले में कुछ राज्यों को उपकर लगाने की अनुमति दे सकती है।
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