scriptबड़ा झटका: खत्म हो सकती है मुफ्त चेकबुक और एटीएम कार्ड की सुविधा | Big shock: Free check book and ATM card facility to end | Patrika News

बड़ा झटका: खत्म हो सकती है मुफ्त चेकबुक और एटीएम कार्ड की सुविधा

locationनई दिल्लीPublished: Apr 24, 2018 12:59:49 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

आयकर विभाग ने बैंकों से अपने खाते में मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने वाले ग्राहकों को दी जाने वाली मुफ्त सेवाओं पर टैक्स मांगा है।

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Checkbook and ATM Card

नई दिल्ली। बैंकों की ओर से जल्द ही आपको बड़ा झटका लग सकता हैं। देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी बैंक आपको मिलने वाली मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन, चेकबुक, फ्यूल सरचार्ज रिफंड और डेबिट कार्ड की सुविधा को बंद कर सकते हैं। यानी आपको इन सुविधाओं के बदले शुल्क देना पड़ सकता है। बैंकों की ओर से यह झटका अपने खातों में मिनिमम बैलेंस रखने वाले खाताधारकों को दिया जा सकता है। दरअसल आयकर विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ), एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक समेत कई बैंकों को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आयकर विभाग ने इन बैंकों से अपने खाते में मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने वाले ग्राहकों को दी जाने वाली मुफ्त सेवाओं पर टैक्स मांगा गया है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, यह टैक्स पिछली तारीख से मांगा गया है, ऐसे में यह हजारों करोड़ रुपए में हो सकता है। इस मामले में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGST) की ओर से भी बैंकों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

इस नियम के आधार पर मांगा टैक्स
एक टैक्स अधिकारी के अनुसार आयकर विभाग की ओर से पिछले पांच साल की अवधि के लिए इस टैक्स भुगतान की मांग की गई है। अधिकारी ने बताया कि नियमों के अनुसार किसी भी मामले में सर्विस टैक्स पांच साल से नहीं मांगा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार बैंक मिनिमम बैलेंस मेंनटेन नहीं करने वाले से टैक्स की वसूली करते हैं, उसी प्रकार बैंकों से मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने वाले खातों पर टैक्स मांगा गया है।

एक्सपर्ट्स से सलाह ले रहे बैंक
आयकर विभाग की ओर से टैक्स जमा करने को लेकर नोटिस मिलने के बाद बैंकों में हड़कंप मचा हुआ है। आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिलने वाले एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग की ओर से मिला नोटिस पूरी तरह से समझ से बाहर है। अधिकारी ने बताया कि नोटिस में आयकर विभाग ने जिन बिंदुओं का जिक्र किया है, उन पर विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। बैंक अधिकारी ने बताया कि बैंक आयकर विभाग के दावे के अनुसार अपने ग्राहकों से पिछली तारीख से टैक्स की मांग नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यदि इस टैक्स को बहाल रखा जाता है तो भविष्य में इसका असर ग्राहकों पर ही पड़ेगा। एक बैंक अधिकारी के अनुसार यह रकम 6000 करोड़ रुपए तक हो सकती है।

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