Published: Jul 23, 2018 08:21:57 pm
Saurabh Sharma
बंबई हाई कोर्ट ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के कामकाज ठप रहने को लेकर केंद्र सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगार्इ फटकार, पूछा, क्या सो रहे हैं देश के वित्त मंत्री?
नर्इ दिल्ली। केंद्र सरकार के लिए मौजूदा समय में लीगल मामले में कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं। कोर्ट कर्इ बार केंद्र सरकार को कर्इ मामलों में फटकार लगा चुकी है। ताज्जुब की बात तो ये है कि इस बार कोर्ट ने केंद्र के मंत्री को यह कहते हुए फटकारा है कि क्या वो साे रहे हैं? यह फटकार मुंबर्इ हार्इकोर्ट ने एक मामले की सुनवार्इ के दौरान लगार्इ है। आइए आपको भी बताते हैं पूरा मामला…
डीआरटी के कामकाज बंद होने पर कोर्ट ने फटकारा
बंबई हाई कोर्ट ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के कामकाज ठप रहने को लेकर केंद्र सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूछा है कि डीआरटी के बंद होने पर ‘देश के वित्त मंत्री सो रहे हैं।’ कोर्ट ने कहा कि मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है और शहर स्थित डीआरटी में एक महीने से कामकाज नहीं हो रहा है। डीआरटी बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उनके ग्राहकों के बीच कर्ज वसूली से जुड़े मामलों का निपटान करता है। डीआरटी का दो जून को इमारत में आग लगने के बाद से कामकाज बंद है। इसको लेकर डीआरटी बार एसोसिएशन ने कोर्ट में याचिका दायर करके डीआरटी के लिए दूसरा स्थान आवंटित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की थी।
कोर्ट ने किए कर्इ सवाल
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस रियाज छागला की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका पर गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट यह जानना चाहता है कि क्या केंद्र सरकार ने डीआरटी के लिए वैकल्पिक स्थान की कोर्इ खोज की है या नहीं? न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘हमारे पास मामला आने और कोर्ट के आदेश पारित करने से पहले ही सरकार को खुद से इस दिशा में काम करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘देश की वित्तीय राजधानी में ऋण वसूली न्यायाधिकरण में कामकाज नहीं हो रहा है…. क्या वित्त मंत्री सो रहे हैं? न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई तय की है। साथ ही केंद्र से डीआरटी के कार्यालय के लिए दूसरे स्थान की पहचान करने को कहा है।