एम्स फ्रंट द्वारा देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान परिसर में आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान और डॉक्टरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं की पृष्ठभूमि में कई मांगें सामने आईं। डॉक्टरों ने बुनियादी ढांचे के उन्नयन और उचित कार्य स्थितियों को सुनिश्चित करने और चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा की जांच सहित स्वास्थ्य क्षेत्र को उच्च बजटीय आवंटन की मांग की। पिछले दिनों किये जाने वाले कई बजट पूर्व सर्वेक्षणों में स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक धन की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दों को हल करने के लिए एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात भी की जा रही है।
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आधारभूत ढांचे के बिना सब बेकारडॉक्टरों का कहना है कि देश में सैकड़ों कुशल और बेहतरीन डॉक्टर्स भरे पड़े हुए है लेकिन जब तक स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं होगा, जमीनी हालात में कुछ भी बदलाव नहीं होगा। डॉक्टरों का आरोप है कि वर्तमान दौर में जारी हिंसा मामलों के पीछे बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। डॉक्टर-रोगी के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और अधिक डॉक्टरों की भर्ती की आवश्यकता है। लेकिन ये सभी नीतिगत निर्णय हैं जिनके लिए एक मजबूत राजनीतिक आवश्यकता होगी। डॉक्टरों का कहना है कि अगर अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की हालत बेहतर होगी तो प्रतीक्षा समय कम होगा, बेड की मारामारी नहीं होगी और भीड़भाड़ में कमी होगी।
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डॉक्टरों ने सभी अस्पतालों में केंद्रीय निवास योजना को सख्ती से लागू करने, डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को गैर-जमानती अपराध बनाने और केंद्रीय चिकित्सा न्यायाधिकरण की स्थापना को प्राथमिकता देने के लिए विशेष रूप से चिकित्सा मामलों को लेने के लिए एक केंद्रीय संरक्षण कानून लागू करने की भी मांग की है ।