किसानों को मिल सकता है ये सौगात
पत्रिक बिजनेस से खास बात में कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि किसानों काे सरकार से ज्यादा ही उम्मीद है। इनकम सपोर्ट के तौर पर सरकार किसानों को 10 हजार रुपए देने का एेलान कर सकती है। इसके साथ ही सरकार किसानों को इटरेस्ट फ्री कोलेटरल लोन के रूप में तोहफा दे सकती है। शर्मा ने कहा कि सरकार अपनी योजानाआें का पूरा लाभ किसानों तक नहीं पहुंचने पर बिचौलियाे पर ही ठिकरा फोड़ती है जो कि सही नहीं है। सरकार बस अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रही। किसानों की तंग हालत को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ही नहीं बल्कि उन इकोनाॅमिस्ट की नीतियों में भी खामियां रही है जो इन्हें तैयार करते हैं।
पिछले साल सरकार ने क्या किया था एेलान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके पहले साल यानी 2018 के बजट में किसानों आैर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी वरीयता दी थी। जेटली ने MSP को बढ़ाया, आॅपरेशन ग्रीन को लाॅन्च किया अौर नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम को भी लाॅन्च किया। सरकार ने ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर कर्इ कदम भी उठाए हैं। हाल ही पीएम माेदी ने ‘मन की बात’ में भी कहा कि देश के हर ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचार्इ जा चुकी है। सरकार ने एग्रीकल्चर व रूरल मिनिस्ट्री को करीब 2 लाख करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की। कृषि व ग्रामीण मामलों से जुड़े कर्इ जानकारों का कहना है कि इस बार के अंतरिम बजट में सरकार कुछ एेसे ही घोषणा कर सकती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ सकती है देय राशि
बैंक आॅफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री, समीर नारंग का कहना है कि इस बात की काफी संभावना है कि इस बार के बजट में सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए आवंटित की जाने वाली राशि में 20-25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी कर सकती है। जीएसटी कलेक्शन में कमी, खर्च में इजाफे आैर मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में गिरावट की वजह से 2018-19 में राजकोषीय घाटे के 3.3 फीसदी रहने के लक्ष्य को भी झटका लग सकता है। एेसे में पाॅलिसी एक्सपर्ट्स भी सरकार द्वारा कुछ बड़े घोषणाआें की उम्मीद कर सकते हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत दे सकती है।
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