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आज से देश भर में ट्रांसपोटर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी,पड़ सकता है आपकी जेब पर असर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 20, 2018 09:51:31 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

ट्रक आैर बस आॅपरेटर्स संगठन अाॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) एक बार फिर अपनी पुरानी आैर बड़ी मांगों के साथ 20 जुलार्इ से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने वाले है।

Truck Strike

कल से देशभर में थम जाएंगे ट्रक अौर बसों के पहिए, आज से ही कर लें पूरी तैयारी

नर्इ दिल्ली। शुक्रवार से देश के ट्रांसपोटर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। इसके बारे में जानकारी देते हुए ट्रक आैर बस आॅपरेटर्स संगठन ‘आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ (AIMTC) ने एक बार फिर अपने मांगों को लेकर सरकार को धमकी दी है। ट्रक आॅपरेटर्स के इस धमकी के बाद से देश के कर्इ बड़े शहरों की सप्लार्इ केंद्रो पर नर्इ लोडिंंग आैर बुकिंग बुधवार से ही बंद हो चुकी है। aimtc के मुताबिक शुक्रवार से करीब 90 लाख ट्रक आैर 50 बस के पहिए थम सकते हैं। बता दें कि इसके पहले हड़ताल की धमकी के बाद सरकार ने ट्रांसपोटर्स को मनाने आैर कुछ रियायत देने की पेशकश की थी।


क्या है ट्रक अाॅपरेटर्स की मांग
इस मामले पर सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार अभी ट्रांसपोटर्स काे मनाने के प्रयास में लगी हुर्इ है अौर संभव हैं कि आज (गुरुवार) को इस पर निर्णायक सहमति बन जाए। दो दिन पहले ही ट्रांसपोटर्स को लुभाने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने लोडिंग सीमा के बढ़ाने के साथ-साथ दो ड्राइवर्स की अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट आैर आेवरलोडिंग पर रियायत जैसी कुछ पेशकश की है। लेकिन इसके बाद भी ट्रांसपोटर्स काे नहीं हड़ताल की बात से पीछे नहीं हट रहे है। उनकी मांग है कि है सरकार डीजल की कीमतों मको कम करे, र्इ-वे बिल, थर्ड पार्टी प्रिमियम अौर टीडीएस जैसी कुछ बड़ी नीतिगत बदलावों को लेकर सरकार उनकी समस्यार पर ध्यान दे। AIMTC ने प्रेस काॅन्फ्रेंस के जरिए ये एेलान किया टीम शुक्रवार से देश के सभी ट्रक, बस व लाॅरी मालिक अपनी गाड़ियाें को सड़क पर नहीं उतारेंगे।


प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए। साथ ही उनकी एक मांग ये भी थी टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन आैर समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। ट्रांसपोटर्स ने ये भी मांग की है कि थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले आैर इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए। ट्रांसपोटर्स की एक मांग ये भी है कि वो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए आैर र्इ-वे बिल में संशोधन हो। ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रख्ने की अनिवार्यता से राहत दिया जा सकता है। वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर कराने की रियायत दिया जा सकता है।

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