क्या है ट्रक अाॅपरेटर्स की मांग
इस मामले पर सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार अभी ट्रांसपोटर्स काे मनाने के प्रयास में लगी हुर्इ है अौर संभव हैं कि आज (गुरुवार) को इस पर निर्णायक सहमति बन जाए। दो दिन पहले ही ट्रांसपोटर्स को लुभाने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने लोडिंग सीमा के बढ़ाने के साथ-साथ दो ड्राइवर्स की अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट आैर आेवरलोडिंग पर रियायत जैसी कुछ पेशकश की है। लेकिन इसके बाद भी ट्रांसपोटर्स काे नहीं हड़ताल की बात से पीछे नहीं हट रहे है। उनकी मांग है कि है सरकार डीजल की कीमतों मको कम करे, र्इ-वे बिल, थर्ड पार्टी प्रिमियम अौर टीडीएस जैसी कुछ बड़ी नीतिगत बदलावों को लेकर सरकार उनकी समस्यार पर ध्यान दे। AIMTC ने प्रेस काॅन्फ्रेंस के जरिए ये एेलान किया टीम शुक्रवार से देश के सभी ट्रक, बस व लाॅरी मालिक अपनी गाड़ियाें को सड़क पर नहीं उतारेंगे।
प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए। साथ ही उनकी एक मांग ये भी थी टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन आैर समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। ट्रांसपोटर्स ने ये भी मांग की है कि थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले आैर इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए। ट्रांसपोटर्स की एक मांग ये भी है कि वो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए आैर र्इ-वे बिल में संशोधन हो। ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रख्ने की अनिवार्यता से राहत दिया जा सकता है। वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर कराने की रियायत दिया जा सकता है।