सरकार का न्यूनतम वेतन देने का फैसला जल्द आएगा
संसद से इस विधयेक को मंजूरी मिलने के साथ ही देशभर में श्रमिकों के लिए समान न्यूनतम वेतन देने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस फैसले से देश के सभी श्रमिकों को न्यूनतम वेतन के लिए कहीं भी लड़ना नहीं होगा। केंद्र सरकार को रेलवे और खनन समेत इस तरह के सभी श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को तय करना होगा। इसके अलावा आपको बता दें कि राज्य अन्य श्रेणी के रोजगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
न्यूनतम मजदूरी में 5 साल में किया जाएगा संशोधन
आपको बता दें कि सरकार अगर ये फैसला ले लेती है तो न्यूनतम मजदूरी में हर पांच साल में संशोधन किया जाएगा। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, गृह मंत्री
अमित शाह
( Amit Shah ) की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ( santosh gangwar ) ने कहा था कि उनका मंत्रालय संसद के चालू सत्र में इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगा। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitaraman ) तथा वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल ( piyush goel ) भी मौजूद थे।
10 अगस्त 2017 को पेश किया था विधेयक
इस विधेयक को 10 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था, जिस पर फिलहाल अभी तक कोई पैसला नहीं लिया गया है। लोकसभा में भेजने के बाद 21 अगस्त 2017 को यह बिल संसद की स्टैंडिंग कमेटी में भेज दिया गया था। कमेटी ने इस विधेयक पर 18 दिसंबर 2018 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन 16वीं विधानसभा के भंग होने के कारण यह विधेयक अभी तक पास नहीं हो पाया है। इस बार उम्मीद है कि सरकार इस विधेयक को पास कर देगी। मोदी सरकार के इस फैसले से काफी फायदा होगा।
इस सप्ताह मिल सकती है मंजूरी
इस समय मंत्रालय को अब विधेयक को संसद के किसी भी सदन में नए सिरे से पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति की जरूरत होगी। सूत्र ने कहा, मंत्रिमंडल वेतन संहिता विधेयक पर अगले महीने मंजूरी दे सकता है। श्रम मंत्रालय इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पारित कराना चाहता है।