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गोल्ड स्टैंडर्ड में आता है भारत
सीईए ने कहा कि देश कर्ज चुकाने में पूरी तरह से सक्षम है। दुनिया में देश का स्टैंडर्ड गोल्ड कैटगिरी में आता है। उन्होंने कहा कि गोल्ड स्टैंडर्ड एक ऐसा मॉनिटरी सिस्टम है, जिसमें करंसी की वैल्यू गोल्ड से संबंधित होती है। उन्होंने तमाम रेटिंग एजेंसियों से रेटिंग में सुधार करने को कहा है।
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एक वर्ष तक का करना पड़ सकता हैं इंतजार
देश की इकोनॉमी तेजी कम देखने को कब देखने को मिलेगी, या फिर कितनी गिराव आएगी, इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इन सवालों का जवाब रिकवरी से जुड़ा है। जब से रिकवरी होनी शुरू होगी, तब से इकोनॉमी आगे की ओर खिसकने लगेगी। रिकवरी कब शुरू होने के सवाल पर उन्होंने कहा इसमें आपको दूसरी छमाही तक का इंतजार करना पड़ सकता है। यह इंतजार सालभर तक का भी हो सकता है।
वित्त मंत्रालय कर रहा है काम
उन्होंने देश में आर्थिक सुधार के उपायों पर कहा कि देश का वित्त मंत्रालय इस मामले में काम कर रहा है। अलग-अलग उपायों के माध्यम से देश को आर्थिक गति देने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने प्राइवेटाइजेशन पर कहा कि बैंकिंग स्ट्रैटिजीक सेक्टर के अंतर्गत आएगा। सरकार अभी स्ट्रैटिजीक और नॉन-स्ट्रैटिजीक सेक्टर की पहचान करने में जुटी हुई है।