द रियल आर्किटेक्ट ऑफ हैदराबाद
देश के सबसे सफल चीफ मिनिस्टर्स में से एक चंद्रबाबू नायडू का यह इकोनॉमिक फॉर्मूला ही था कि उन्होंने हैदराबाद को देश ही नहीं विश्व पटल पर लाकर खड़ा कर दिया। उन्होंने ही सही मायनों में हैदराबाद को ‘द हैदराबाद बनाया’। सबसे ज्यादा रेवेन्यु, सबसे ज्यादा सैलरी देने वालों में शुमार हैदराबाद शहर आज तेलंगाना का हिस्सा है। लेकिन हैदराबाद के इस आर्किटेक्ट ने हिम्मत नहीं हारी है। उन्होंने अब आंध्रप्रदेश की नई राजधानी अमरावति को हैदराबाद से भी ज्यादा बेहतर अच्छा बनाने की ठान ली है। इसके लिए उन्होंने केंद्र से मदद की मांग भी की, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल सकी है।
हंगरी और श्रीलंका को छोड़ा पीछे
हम आपको बताते हैं कि आंध्रप्रदेश की इकोनॉमी को बढ़ाने में चंद्रबाबू नायडू का बड़ा हाथ रहा है। जब हैदराबाद आंध्रप्रदेश का हिस्सा था तो प्रदेश की जीडीपी 9 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा थी। लेकिन 2014-15 में हैदराबाद की इकोनॉमी 5 लाख करोड़ रुपए के आसपास आ गई। जिसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने फिर अपना इकोनॉमिक माइंड का इस्तेमाल किया और आंध्रप्रदेश को बुलंदियों पर ले जा रहे हैं। मौजूदा समय में आंध्रप्रदेश की इकोनॉमी हंगरी और यूक्रेन से बड़ी हो गई है। मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश का लक्ष्य 8.70 लाख करोड़ रुपए से आगे ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
देश राज्यों की सूचि में 7वें नंबर पर
आंध्र प्रदेश मौजूदा समय में राज्यों के हिसाब से जीडीपी के मामले में 7वे नंबर पर काबिज है। पहले नंबर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडू, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और वेस्ट बंगाल हैं। वहीं आंध्र प्रदेश से पीछे तेलंगाना, मध्यप्रदेश, केरल, हरियाण और देश की राजधानी दिल्ली आती है।