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कुछ ऐसी रही रफ्तार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में जीडीपी की दर 2018 के 6.6 फीसदी से भी नीचे है। जो पहले ही 1990 के बाद का न्यूनतम स्तर था। दिसंबर महीने में खत्म हुई तिमाही के लिए ग्रोथ की रफ्तार 6 फीसदी बनी रही। सितंबर तिमाही में भी चीन की इकोनॉमी की रफ्तार यही दर्ज की गई थी। आपको बता दें कि ट्रेड हितों को देखते हुए चीन और अमरीका के बीच ट्रेड वॉर के तहत अमरीका और चीन ने टैरिफ बढ़ाया था, जिसकी वजह से चीनी एक्सपोटर्स पर काफी बुरा असर पड़ा है।
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क्या था टारगेट
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से 2019 के लिए जो विकास दर का टारगेट रखा था वो उसी रेंज में जा रहा है। लेकिन वो नेगेटिव लाइन की ओर है। आर्थिक वृद्घि दर का लक्ष्य 6 फीसदी से लेकर 6.5 फीसदी का रखा गया था, जो दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में 6 फीसदी दर्ज की गई। साल 2019 मे ग्राहक खर्च, निवेश और फैक्ट्री आउटपुट, सभी कमजोर हुए हैं।
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ट्रेड वॉर खत्म होने के मिले संकेत
वहीं दूसरी ओर चीन के साथ-साथ अमरीका के लिए अच्छी खबर ये है कि अब दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के खत्म होने के संकेत मिले हैं। दोनों देशों के बीच पहले चरण की ट्रेड डील भी हो चुकी है। जिसमें अमरीका अतिरिक्त टैरिफ बढ़ोतरी को कैंसल करेगा और चीन अमरीकी फार्म एक्सपोर्ट की खरीदारी की प्रतिबद्धता पर सहमति बनी है। डील में दोनों ओर से पहले से लागू टैरिफ बढ़ोतरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।