याचिका में मांगी गर्इ थी स्पष्टता
बता दें कि अग्रिम विनिर्णय प्राधिकरण (एएआर) के महाराष्ट्र पीठ के समक्ष इस बारें में एक याचिका दायर करके इसपर स्पष्टता मांगी गर्इ थी। याचिका में अाग्रह किया गया था कि क्या प्रवेश परीक्षाअों की तैयारी करवाने वाले कोचिंग संस्थानों को जीएसटी के दायरे में आते हैं कि नहीं। एेसे में यदि इन कोचिंग संस्थानों को जीएसटी देना पड़ेगा तो इसका बोझ इन संस्थानों के फीस पर भी देखने को मिल सकता हैं। आैर इस तरह अभिभावकों की जेब पर जीएसटी का अतिरिक्त प्रभाव देखने को मिल सकता है।
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इन संस्थानों को नहीं देना होगा जीएसटी
एएआर के मुताबिक वो कोचिंग संस्थान जो शैक्षिक सेवा दे रहे हैं, उसपर 9 फीसदी सीजीएटी आैर 9 फीसदी एसजीएसटी लगेगा। इस तरह से कोचिंग संस्थानों पर कोचिंग क्लास की सेवा देने पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। एएआर ने ये भी साफ कर दिया है वो कोचिंग संस्थान जो तो प्री स्कूल एजुकेशन, सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन आैर वोकेशनल ट्रेनिंग देते हैं, उनपर कोर्इ टैक्स देय नहीं होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स ने पहले कहा था कि निजी कोचिंग सेंटर या शैक्षिक संस्थानों के रूप में आत्मनिर्भर अन्य अज्ञात संस्थानों को जीएसटी के तहत शैक्षणिक संस्थान नहीं माना जाएगा और इस तरह छूट का लाभ नहीं उठाया जा सकता है।