scriptभारतीय रुपये में सेंध लगाने की साजिश में पाकिस्तान, बड़े पैमाने पर भेज रहा जाली नोट | Counterfeit indian Curreny Pakistan government sends to india | Patrika News

भारतीय रुपये में सेंध लगाने की साजिश में पाकिस्तान, बड़े पैमाने पर भेज रहा जाली नोट

locationनई दिल्लीPublished: Aug 30, 2019 01:34:57 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

पाकिस्तान से सप्लाई किए जा रहे 2000 रुपये के नोट में पाकिस्तानी तंत्र ने उन सभी सुरक्षा इंतजामों की हू-ब-हू नकल कर ली, जो बिना सरकारी मदद के मुमकिन नहीं है।
बड़ी साजिश के तहत पाकिस्तान का सरकारी तंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए हाई-क्वालिटी के जाली भारतीय नोट थोक के हिसाब से छाप रहा है।

fake_currency_from_pak.jpg

नई दिल्ली। पाकिस्तान से भारत में झोंके जा रहे दो हजार रुपये के नए नोट की ताजा खेप की जब्ती ने हिंदुस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस खेप में सप्लाई किए जा रहे 2000 रुपये के नोट में पाकिस्तानी तंत्र ने उन सभी सुरक्षा इंतजामों की हू-ब-हू नकल कर ली, जो बिना सरकारी मदद के मुमकिन नहीं है।

सच तो यह है कि पाकिस्तानी सिक्योरिटी प्रेस में छपकर भारतीय बाजार में लाकर झोंके जा चुके 2000 के इन नकली और भारत के असली नोट में फर्क करते वक्त भारतीय एजेंसियां और दिल्ली पुलिस भी चकराने लगी है।

साजिश के तहत पाकिस्तान छाप रही जाली भारतीय नोट

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा हाल ही में जब्त नकली नोटों की खेप की जांच के बाद यह साबित हो रहा है कि एक बड़ी साजिश के तहत पाकिस्तान का सरकारी तंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए हाई-क्वालिटी के जाली भारतीय नोट थोक के हिसाब से छाप रहा है।

जांच में पता चला है कि कराची के ‘मलीर-हाल्ट’ इलाके में स्थित ‘पाकिस्तानी सिक्योरिटी प्रेस’ में छापे जा रहे इस जाली नोट में भी पहली बार ‘ऑप्टिकल वेरियबल इंक’ का इस्तेमाल किया गया है।

यह भी पढ़ें – बाजार धड़ल्ले से बढ़ रहा 500 रुपये का नोट, पिछले एक साल में 121 फीसदी हुआ इजाफा

variable_inc.jpg

खास किस्म की स्याही का इस्तेमाल

यह विशेष किस्म की स्याही 2000 के नोट के धागे पर इस्तेमाल होती है। इस इंक की खासियत है कि यह नोट पर हरे रंग की दिखाई देती है। नोट की दिशा ऊपर-नीचे करने पर इस स्याही का रंग बदलकर खुद-ब-खुद नीला हो जाता है।

सूत्रों के मुताबिक छह महीने पहले तक पकड़े जा चुके जाली नोटों की खेप में इस इंक का इस्तेमाल नहीं हो रहा था। सूत्रों के मुताबिक, यह खास किस्म की स्याही एक विदेशी कंपनी बनाती है, जिसकी आपूर्ति सिर्फ चुनिंदा देशों की सरकार को ही की जाती है।

पाकिस्तान सरकार की मदद के बिना नहीं मुमकिन है यह काम

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार की मदद के बगैर इस इंक का इस्तेमाल जाली भारतीय नोटों को छापने में नहीं किया जा सकता है। ‘ऑप्टिकल वेरियबल इंक’ के इस्तेमाल से अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर ही पाकिस्तानी सिक्योरिटी प्रेस में भारत की जाली मुद्रा धड़ल्ले से छप रही है।

छपने के बाद भारत में इनके वितरण के लिए कराची में बैठे भारत के मोस्ट वॉन्टेड डॉन दाउद इब्राहिम के कंधों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

bleed_line.jpg

ब्लीड लाइनों की भी नकल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भारतीय खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है किए इस वक्त चलन में अत्याधुनिक भारतीय मुद्रा (नोटबंदी के बाद छापे गए दो हजार और पांच सौ के नए नोट) एक और प्रमुख सिक्योरिटी फीचर की भी पहली बार आईएसआई के गुर्गों ने हू-ब-हू नकल कर ली है।

दो हजार के नए भारतीय नोट के एकदम बायीं और दायीं ओर के किनारे में ‘ब्लीड-लाइनें’ खींची गई हैं। ये सात लाइनें असल में विशेष रुप से नेत्रहीनों को नोट की पहचान आसानी से कराने में सहायक होती हैं।

यह भी उच्च भारतीय तकनीक का ही कमाल है कि, नोट को गोल आकार में मोडऩे पर इन लाइनों के आपस में सधे हुए तरीके से मिल पाना अब तक लगभग नामुमकिन समझा जाता था।

अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा शुरू किए गए जाली नोटों के इस फजीर्वाड़े में इन लाइनों का मिलान कराना करीब-करीब संभव सा ही हो गया है जोकि उच्च क्वालिटी की असली भारतीय मुद्रा के लिए आने वाले समय में बेहद घातक साबित हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि बीते छह महीने में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत में जब्त एफआईसीएन (फेक इंडियन करेंसी नोट) 2000 के भारतीय नोट में (24 अगस्त को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सहायक पुलिस आयुक्त अतर सिंह की टीम द्वारा जब्त) अधिकांश हाई सिक्योरिटी फीचर मौजूद मिले हैं। जोकि आने वाले समय में भारतीय खुफिया जांच एजेंसियों सहित भारतीय अर्थ-व्यवस्था के लिए सबसे ज्यादा घातक सिद्ध हो सकता है।

serial_numbers.jpg

सीरिज नंबर की भी नकल

इतना ही नहीं, पाक खुफिया एजेंसी के आकाओं ने अब कराची की सरकारी प्रेस में छापे जा रहे जाली भारतीय नोट के निचले हिस्से में दायीं तरफ छपे सीरीज नंबर की भी नकल कर ली है। इसकी एक बानगी हाल ही में जब्त किए गए 2000 रुपये के नकली नोट में देखने को मिली।

इस नोट पर ‘7एफके’ सीरीज छपा है। अब तक जाली नोटों पर इन अत्याधुनिक तकनीक के फीचर्स का दूर-दूर तक नाम-ओ-निशां नहीं होता था। इस फीचर की खासियत होती है कि कोई भी नंगी आंखों से भी आसानी से भारतीय नोट के असली और जाली होने की पहचान कर सकता था।

वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के बाद से पाकिस्तान से नकली नोटों का आना काफी समय तक तकरीबन बंद रहा। हालांकि, इसी साल जून के पहले ही सप्ताह में नेपाल की पुलिस ने काठमांडू स्थित त्रिभुवन हवाई अड्डे पर करीब 7.67 करोड़ रुपये के जाली भारतीय मुद्रा की बड़ी खेप पकड़ी थी। काठमांडू में जाली भारतीय नोटों की उस बड़ी खेप की जब्ती से भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थीं।

भारतीय जाली नोटों की इतनी बड़ी खेप पकड़े जाने के दौरान ही यह बात भी निकल कर सामने आई थी कि अब पाकिस्तानी आकाओं ने नेपाल के रास्ते न भेजकर कतर के रास्ते जाली नोट भारत में झोंकने का नया रुट तलाश लिया है। ताकि भारतीय खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल आराम से झोंकी जा सके।

यह भी पढ़ें – मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री का ‘मंत्र’, अपने जेब में रखे पैसे को खर्च करें

gandhi_protrait.jpg

आर्थिक रूप से भारत की कमर तोडऩे की साजिश

राजस्व सूचना निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, “स्पेशल सेल द्वारा हाल में जब्त किए गए नोट ज्यादा अपग्रेडेड वर्जन के एफआईसीएन हैं।

इससे लगता है कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनी जो सिर्फ फेडरल सरकारों को ही ‘ऑप्टिकल वेरिएबल इंक’ की सप्लाई करती है, आर्थिक रुप से भारत की कमर तोडऩे के षडयंत्र में जुटी पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उस कंपनी से भी हाथ मिला लिया है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद चिंताजनक है।”

यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा की अगुवाई में सहायक पुलिस आयुक्त अतर सिंह की टीम ने 24 अगस्त को दिल्ली के नेहरू प्लेस से डी-कंपनी के एजेंट असलम अंसारी को धर दबोचा था।

असलम अंसारी के पास से 2000 के नोट वाली करीब साढ़े पांच लाख जाली भारतीय मुद्रा जब्त की गई थी। असलम मूल रूप से नेपाल का रहने वाला है।

असलम से बरामद नोट गहराई से देखने पर भी जब असली ही लगे तो भारतीय गुप्तचर एजेंसियां और नोट जब्त करने वाली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम के सदस्यों का माथा चकरा गया था।

उन सबको लगा किए कहीं उन्होंने जाली समझकर असली भारतीय नोट ही तो जब्त नहीं कर लिए हैं। खुद की आंखों पर विश्वास न होने पर जाली नोट पकडऩे वाले विशेषज्ञों द्वारा पहचान कर दिए जाने के बाद ही असलम की अधिकारिक गिरफ्तारी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो